अगर खून बहेगा, तो नुकसान पाक का अधिक होगा... जानें शशि थरूर ने पाकिस्तान के खिलाफ क्या मांग की
पिछले ढाई दशकों से पाकिस्तान लगातार आतंकियों को प्रशिक्षण, हथियार और समर्थन देता आया है जबकि हमलों के बाद हमेशा जिम्मेदारी से इनकार कर देता है।;
तिरुवनंतपुरम (राशी सिंह)। कांग्रेस सांसद और पूर्व राजनयिक शशि थरूर ने कहा है कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पूरे देश में पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की मांग तेज हो गई है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 28 नागरिकों की हत्या के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया है, और ऐसे में कोई न कोई सैन्य प्रतिक्रिया अनिवार्य हो गई है।
'एक लंबा और स्थायी पैटर्न' बताया
थरूर ने सीमा पार आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान के पुराने रवैये की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह कोई नया घटनाक्रम नहीं है। उन्होंने बताया कि पिछले ढाई दशकों से पाकिस्तान लगातार आतंकियों को प्रशिक्षण, हथियार और समर्थन देता आया है जबकि हमलों के बाद हमेशा जिम्मेदारी से इनकार कर देता है। उन्होंने कहा, "यह एक स्थापित पैटर्न है जिसे विदेशी खुफिया एजेंसियों द्वारा भी बार-बार प्रमाणित किया गया है।"
थरुर ने याद दिलाया कि 2016 के उरी हमलों और 2019 के पुलवामा हमले के बाद भारत ने क्रमशः सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयर स्ट्राइक के रूप में कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने संकेत दिया कि इस बार भारत और भी कठोर कदम उठा सकता है। "हमारे पास कूटनीतिक, आर्थिक, खुफिया सहयोग और प्रत्यक्ष सैन्य कार्रवाई जैसे कई विकल्प मौजूद हैं। देश एक निर्णायक प्रतिक्रिया की अपेक्षा कर रहा है।"
बिलावल भुट्टो के बयान पर भी तीखी प्रतिक्रिया
सिंधु जल संधि को लेकर पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी प्रमुख बिलावल भुट्टो जरदारी की "खून बहेगा" वाली टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए थरूर ने कहा कि यह केवल भड़काऊ बयानबाजी है। उन्होंने चेताया, "अगर पाकिस्तान भारत के खिलाफ कार्रवाई करता है, तो उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए। अगर खून बहेगा, तो नुकसान उनका अधिक होगा।"
भारत-पाक संबंधों में और कड़वाहट
"मिनी स्विट्जरलैंड" के नाम से मशहूर पहलगाम में हुए हमले को अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद का सबसे बड़ा आतंकी हमला बताया जा रहा है। जांच में लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े एक आतंकी समूह की संलिप्तता सामने आई है। इसके बाद दोनों देशों के बीच वीजा रद्द करने जैसी कठोर कदम उठाए गए हैं। भारत ने सिंधु जल संधि को रद्द कर दिया है, जबकि पाकिस्तान ने भी भारत के साथ सभी द्विपक्षीय समझौतों को निलंबित कर दिया है। नियंत्रण रेखा पर संघर्षविराम उल्लंघन के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, जिससे हालात और अधिक गंभीर हो गए हैं।