महाकुंभ पर विपक्ष के सारे आरोपों पर सीएम योगी का करारा जवाब, जानें किसे-किसे लिया आड़े हाथों!

Update: 2025-02-19 13:00 GMT

लखनऊ। विधानसभा बजट सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ को लेकर विपक्ष के आरोपों पर जोरदार पलटवार किया। उन्होंने विपक्षी नेताओं के सोशल मीडिया हैंडल पर किए गए बयानों का जिक्र करते हुए कहा कि यह उनकी मानसिकता और संस्कारों को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि कोई भी सभ्य समाज इस तरह की भाषा को स्वीकार नहीं कर सकता। महाकुंभ कोई नया आयोजन नहीं है, बल्कि यह वैदिक परंपरा से चला आ रहा है। ऋग्वेद, अथर्ववेद और श्रीमद्भागवत महापुराण में भी इसका उल्लेख मिलता है। यह आयोजन भारतीय संस्कृति की आत्मा है और इसे संकीर्ण राजनीतिक नजरिए से देखना अनुचित है।

विपक्ष फैला रहा अफवाहें

सीएम योगी ने विपक्ष पर अफवाह और दुष्प्रचार फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि महाकुंभ शुरू होते ही विपक्ष ने इस पर सवाल उठाने शुरू कर दिए। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे लेकर टिप्पणी की कि इतना पैसा और इतना विस्तार देने की आवश्यकता क्या है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इसे भगदड़ में हजारों लोगों की मौत से जोड़ दिया, तो वहीं टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी ने महाकुंभ को 'मृत्युकुंभ' कहकर अपमानित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि "जया बच्चन ने गंगा में शव बहाने की बात कही और लालू यादव ने महाकुंभ को 'फालतू' करार दिया। इस प्रकार के गैर-जिम्मेदाराना बयान समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, आरजेडी और टीएमसी के नेताओं द्वारा सनातन धर्म से जुड़े सबसे बड़े आयोजन के प्रति दिए गए हैं।

सीएम योगी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि जो लोग पहले महाकुंभ का विरोध कर रहे थे, वे भी अब चुपचाप स्नान करने पहुंचे। उन्होंने 2013 के महाकुंभ का जिक्र करते हुए कहा कि तब समाजवादी पार्टी की सरकार थी और उनके नेताओं को प्रयागराज जाने से रोका गया था, लेकिन इस बार वे खुद वहां गए और हमारी व्यवस्थाओं की प्रशंसा भी की।

सीएम योगी ने स्पष्ट किया कि महाकुंभ सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की संस्कृति और आस्था का प्रतीक है, जिसे किसी भी राजनीतिक दृष्टिकोण से नहीं देखा जाना चाहिए।

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