बंगाल: 'अगर सीएम सैलरी नहीं लेतीं तो स्पेन के लग्जरी होटल में कैसे रुकीं', ममता बनर्जी के दौरे पर कांग्रेस का सवाल
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री स्पेन के दौरे पर हैं. अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी के स्पेन दौरे पर सवाल उठाए हैं. अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सीएम ममता बनर्जी ऐसे समय में विदेश कैसे जा सकती हैं जब राज्य में डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं. वह लोगों का दर्द नहीं समझ रही है.' अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी के स्पेन के एक लग्जरी होटल में रुकने पर भी सवाल उठाए.
ममता बनर्जी के लग्जरी होटल में रुकने पर उठे सवाल
मुर्शिदाबाद में पत्रकारों से बात करते हुए अधीर रंजन चौधरी ने कहा, 'हमने राज्य सरकार को पहले ही चेतावनी दी थी कि अगस्त-सितंबर में डेंगू के मामले बढ़ेंगे. यह सरकार आम जनता के प्रति लापरवाह है. वह (सीएम ममता बनर्जी) स्पेन जा सकती हैं लेकिन वह आम लोगों का दर्द नहीं समझ सकतीं. ममता बनर्जी के स्पेन के एक लग्जरी होटल में रुकने की खबर पर उन्होंने कहा, 'हमने सुना है कि सीएम सैलरी नहीं लेती हैं और वह अपनी किताबें और पेंटिंग बेचकर अपना खर्चा चलाती हैं. ऐसे में वह मैड्रिड के एक लग्जरी होटल में कैसे रह सकती हैं, जिसका किराया 3 लाख रुपये प्रतिदिन है?
'बंगाल में कितना निवेश आया?'
अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी के विदेश दौरे की आलोचना करते हुए कहा, 'इस विदेशी दौरे पर कितना खर्च हो रहा है? कौन सा उद्योगपति यहां निवेश कर रहा है? लोगों को बेवकूफ बनाना बंद करो. यदि विश्व बंगाली उद्योगपति सम्मेलन के आयोजन पर सरकार द्वारा खर्च की गई राशि का 10 प्रतिशत भी लौटा दिया जाए तो इससे बंगाल के लाखों बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा। हम जानना चाहते हैं कि कौन सी स्पेनिश कंपनी बंगाल में निवेश कर रही है?
'असली मुद्दों से ध्यान भटका रही है सरकार'
शांति निकेतन को यूनेस्को हेरिटेज साइट में जगह मिलने पर कांग्रेस सांसद ने कहा कि 'शांति निकेतन को किसी सबूत की जरूरत नहीं है, उसकी अपनी पहचान है. पहले देखिये कि क्या शांतिनिकेतन में वैसा माहौल है जैसा रवीन्द्रनाथ टैगोर चाहते थे! आए दिन आरएसएस और टीएमसी कार्यकर्ताओं के बीच झगड़े होते रहते हैं. संसद में महिला आरक्षण बिल पास होने पर अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यह सिर्फ लोगों की असली समस्याओं से ध्यान भटकाने के लिए लाया गया है. मोदी सरकार चुनाव से पहले ऐसे मुद्दे ला रही है, जिसमें महिला आरक्षण बिल और वन नेशन, वन इलेक्शन जैसे मुद्दे शामिल हैं.|