गाजियाबाद समाचार: अब छोटे जिलों के आवेदक भी पासपोर्ट बनवाने में पीछे नहीं, रोजाना पहुंच रहे हैं 2200 आवेदन
गाजियाबाद। अब छोटे जिलों के आवेदक भी पासपोर्ट बनवाने में गाजियाबाद-नोएडा से पीछे नहीं हैं। बागपत, शामली, हापुड, हाथरस समेत अन्य छोटे जिलों में पासपोर्ट धारकों की संख्या बढ़ती जा रही है। पासपोर्ट चाहने वालों की संख्या में वृद्धि के कारण, क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय, गाजियाबाद में अब लगभग 2200 आवेदन प्रतिदिन प्राप्त हो रहे हैं। क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय से हर साल लगभग पांच लाख लोग पासपोर्ट बनवा रहे हैं। इनमें से अब करीब 35 प्रतिशत आवेदन छोटे जिलों से हैं। दरअसल, बागपत, मेरठ, हापुड, शामली, मुजफ्फरनगर, हाथरस, अलीगढ़ से बड़ी संख्या में लोग गाजियाबाद, नोएडा और दिल्ली में नौकरी कर रहे हैं। इन नौकरीपेशा युवाओं को विदेश जाने के खूब मौके मिल रहे हैं. वहीं, भविष्य में विदेश जाने की संभावनाओं के चलते ज्यादातर युवा पासपोर्ट बनवा रहे हैं। ऐसे में आवेदकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। पासपोर्ट विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पहले पासपोर्ट बनवाने वालों में नोएडा, गाजियाबाद, आगरा जैसे बड़े जिलों या इन जिलों में रहने वाले दूसरे राज्यों के युवाओं की संख्या अधिक होती थी, लेकिन अब बदलते माहौल में गाजियाबाद-नोएडा और दिल्ली से सटे अन्य छोटे जिलों से भी आवेदनों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी सुब्रतो हाजरा कहते हैं कि क्षेत्र में पासपोर्ट बनवाने वालों की संख्या बढ़ी है. अब प्रतिदिन करीब 2200 लोग पासपोर्ट के लिए आवेदन कर रहे हैं। गाजियाबाद के अलावा बागपत, बुलंदशहर, हाथरस, वृन्दावन में भी पासपोर्ट सेवा केंद्र खोले गए हैं। इन जिलों से भी पासपोर्ट के लिए बड़ी संख्या में लोग आवेदन कर रहे हैं. प्रतिवर्ष लगभग पांच लाख लोगों के पासपोर्ट बनाये और वितरित किये जा रहे हैं।
पढ़ाई के लिए भी विदेश जा रहे युवा
नौकरी ही नहीं, एनसीआर के जिलों से पढ़ाई के लिए भी विदेशों में जाने वाले युवाओं की संख्या बढ़ी है। मेडिकल, इंजीनियरिंग, लॉ और कई अन्य क्षेत्रों में युवा विदेशों से डिग्री हासिल कर रहे हैं। एनसीआर के छोटे जिलों से आवेदनों की संख्या बढ़ने का एक कारण यह भी माना जा रहा है। इनके अलावा टूर के लिए भी विदेशों में जाने वाले युवाओं की संख्या बढ़ी है।