हार्ट अटैक से जान जाने का खतरा 80% तक किया जा सकता है कम, यह हैं बचाव के तरीके

Update: 2024-06-06 08:49 GMT

नई दिल्ली। देश में हार्ट अटैक से जान गंवाने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। अगर आप इसके लक्षण और बचाव के तरीके को जान लेगें तो इससे जान जाने का खतरा 80 प्रतिशत तक कम हो सकता है।

-हार्ट डिसीज/हार्ट अटैक के आरंभिक लक्षण

1. सीने में दर्द: सीने में दर्द (एनजाइना) हार्ट अटैक का सबसे बड़ा संकेत है। सीने में बाएं तरफ दर्द हो तो यह हार्ट अटैक की शुरुआत का संकेत हो सकता है। यह धीरे-धीरे शुरू होता है और फिर जकड़न-सी महसूस होती है।

2. पसीना आनाः बिना वर्कआउट, कसरत किए ही काफी पसीना आने लगे, घबराहट और बेचैनी महसूस हो तो सावधान हो जाइए। ऐसा तब होता है, जब हार्ट खून को ठीक से पंप करने में असमर्थ होता है।

3. सांस लेने में दिक्कत: हार्ट अटैक आने से पहले सांस लेने में भी दिक्कत होने लगती है। छाती पर दबाव, भारीपन या बेचैनी भी महसूस होती है, जिसे बेल्ट अराउंड चेस्ट या वेट ऑन चेस्ट भी कहा जाता है।

4. उल्टी व चक्कर आना: चक्कर आना और आंखों के सामने अंधेरा छा जाना लो ब्लड प्रेशर का संकेत भी हो सकता है। इसे नजरअंदाज न करें।

5. पैरों में सूजन: पैरों, टखनों व तलवों में सूजन का कारण हार्ट का ठीक से पंप न करना हो सकता है।

6. गले और जबड़े का दर्द: जबड़े में दर्द महिलाओं में हार्ट अटैक का प्रमुख लक्षण हो सकता है।

7. दिल की धड़कन का बढ़ना या कम होना।

-अगर हार्ट अटैक हो जाए ये करें

1. हार्ट अटैक हो तो सबसे पहले डॉक्टर को फोन करें और मदद मांगें।

2. खुद गाड़ी चलाकर अस्पताल पहुंचने से बचें।

3. डॉक्टर की सलाह पर एस्पिरिन ,क्लोपिडोग्रिल और एटोरवास्टेटिन लें।

4. अस्पताल पहुंचकर Trop T और ECG की जांच कराये, इससे हार्ट अटैक का पता चल जाता है।

नोट: यह खबर जागरूकता मात्र के लिए है। किसी भी बीमारी में डॉक्टर से जरूर सलाह लें।

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