खून की कमी से कैसे पाएं निजात, जानें किन कारणों से होता है? किस आहार से बढ़ता है खून

Update: 2024-07-31 09:00 GMT

खून में आयरन की कमी से हीमोग्लोबिन की कमी हो जाने को एनीमिया अर्थात रक्ताल्पता का रोग कहा जाता है। आयरन हमारे शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है। ये कोशिकाएं ही शरीर में हीमोग्लोबिन बनाने का काम करती हैं। इसलिए आयरन की कमी से शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है और हीमोग्लोबिन कम होने से शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है क्योंकि हीमोग्लोबिन ही फेफड़ों से ऑक्सीजन लेकर रक्त में ऑक्सीजन पहुंचाता है।

एनीमिया (Anemia) कोई बीमारी नहीं है लेकिन यह कई बीमारियों की वजह जरूर बन सकता है। जीवनशैली के साथ आहार संबंधी आदतों में होने वाला बदलाव इस समस्या के मुख्य कारण के रूप में सामने आ रहा है। बढ़ते बच्चों, स्तनपान कराने वाली महिलाओं व बीमार व्यक्तियों में एनीमिया का खतरा अधिक होता है। विश्व की लगभग 60 प्रतिशत महिलाएं, और हमारे देश की लगभग 90 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं।

कारण:

किडनी कैंसर:- किडनी से इरायथ्रोपोयॅटीन (Erythropoietin) नाम के हारमोन का उत्पादन होता है जो अस्थिमज्जा (Bone Marrow) को रेड-ब्लड सेल के निर्माण में मदद करता है। जिन लोगों को किडनी का कैंसर होता है उनके शरीर में इरायथ्रोपोयॅटीन (Erythropoieti) हारमोन का निर्माण नहीं होता है और इसकी वजह से रेड-ब्लड सेल्स का बनना भी कम हो जाता है जिसके परिणामस्वरूप मनुष्य को एनीमिया हो जाता है।

हीमोग्लोबिन के जीन में बदलाव:- इस प्रकार के एनीमिया को सीकल सेल एनीमिया (Sickle Cell Anaemia) कहते हैं । असामान्य हीमोग्लोबिन के कारण रेड ब्लड सेल्स सीकल यानी हंसिये के आकार के हो जाते हैं। सीकल सेल एनीमिया के कई प्रकार होते हैं जिनका असर अलग-अलग स्तर पर अलग-अलग तरीके से होता है।

थैलैसीमीया:- थैलैसीमीया आनुवांशिक एनीमिया होता है। इस प्रकार के एनीमिया में हीमोग्लोबिन अपेक्षित मात्रा में बनने के बजाय कम या अधिक बनने लगता है।

विटामीन बी-12 की कमी:- शरीर में विटामीन बी-12 की कमी से परनीसीयस एनीमिया होने की संभावना होती है। परनीसीयस एनीमिया अधिकतर शुद्ध शाकाहारी व्यक्तियों को और लंबे वक्त से शराब का सेवन करने वालों को होता है।

रक्तस्राव से होने वाला एनीमिया:- माहवारी के दिनों में अत्यधिक स्राव, किसी चोट या घाव से स्राव, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल अल्सर, कोलन कैंसर इत्यादि में धीरे-धीरे खून लगातार रिसने से एनीमिया हो सकता है।

लंबे समय से बीमार होने पर:- किसी भी प्रकार की दीर्घकालिक बीमारी से एनीमिया हो सकता है।

लक्षण:-

आंखें पीली हो जाना

कमजोरी और थकावट महसूस होना।

चक्कर आना

छाती में दर्द होना एवं सीने में ऐठन होना।

त्वचा व नाखूनों का पीला होना

देर से उठने पर

आंखों के सामने अन्धेरा छा जाना

सांस फूलना

सिर दर्द रहना

हाथों और पैरों का ठंडा होना

हृदय की धड़कन तेज या असामान्य होना

पालक (Spinach):- पालक में भरपूर लौह तथा विटामिन बी 12 होता है। इसके साथ ही पालक फोलिक एसिड (Folic Acid) का भी उच्च स्त्रोत है। ऐसे में पालक खाने से खून की कमी पूरी होती है। उपचार के लिए पालक का सूप बनाकर, या पालक का साग आदि को अपने नियमित के खाने में शामिल करना चाहिए।

अनार (Pomegranate):- अनार शरीर में हीमोग्लोबिन (Haemoglobin) को बहुत तेजी से बढ़ाता है। अनार में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट की उच्च मात्रा होती है। इसमें आयरन और कैल्शियम भी होता है। यह खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा को तेजी से बढ़ाकर रक्त संचार को ठीक रखता है। एनीमिया के उपचार के लिए सुबह खाली पेट अनार खाएं और नियमित अनार का जूस पीएं।

टमाटर (Tomato):- शरीर के लिए बहुत अधिक आयरन की मात्रा लेने के साथ ही यह भी आवश्यक है कि आयरन को आपका शरीर सोखे। इसमें टमाटर अहम भूमिका निभाता है। रोजाना एक से दो कच्चे टमाटर जरूर खाएं। एक गिलास टमाटर का रस भी नियमित पीएं और खाना बनाने और सलाद में भी टमाटर का भरपूर उपयोग करें।

खजूर (Dates):- खजूर भी आयरन बहुत अच्छा स्त्रोत है। सौ ग्राम खजूर में 90 मिलीग्राम आयरन की मात्रा होती है। दो खजूर को एक कप दूध में रात भर के लिए छोड़ दें। इन खजूर को सुबह खाली पेट चबा चबाकर खाएं। बचे हुए दूध को भी पी लें। खजूर को गरम पानी में दो या तीन घंटों के लिए भिगाकर उस पानी को पीना भी लाभदायक होता है। जिन लोगों को लेक्टोज (lectose) से एलर्जी है और दूध नहीं ले सकते, उनके लिए यह बेहतर उपाय है।

किशमिश (Kishmish):- किशमिश भी एनीमिया की बेहद अच्छी घरेलू दवा है। किशमिश में आयरन, प्रोटीन, फाइबर, सोडियम जैसे उच्च पोषक तत्व होते हैं। उपचार के लिए एक कप पानी में 10 से 15 किशमिश रातभर के लिए भिगा दें। सुबह इन किशमिश को शहद मिलाकर खा लें और बचे हुए पानी को पी लें।

शहद (Honey):- शहद भी लौह और विटामिन बी 12 का उच्च स्त्रोत है। शहद को नियमित खाने से भी शरीर में एनीमिया की कमी पूरी होती है। शहद को फलों में मिलाकर, दूध में डालकर या चीनी की जगह शहद इस्तेमाल करके भी रक्त की कमी पूरी की जा सकती है।

बचाव:- एनीमिया अधिकतर पौष्टिक आहार लेने से ठीक हो जाता है लेकिन कुछ प्रकार के एनीमिया में अलग-अलग तरह से उपचार कराने पड़ते हैं। ऐसे में सबसे अधिक आवश्यक है चिकित्सक (डॉक्टरी) परामर्श।

खून की कमी दूर करने के लिए सबसे पहले खाने में हरी सब्जियां (पालक, मेथी), फल व सलाद की मात्रा बढ़ानी चाहिए।

सूखे मेवे जैसे खजूर, बादाम और किशमिश का खूब प्रयोग करना चाहिए। इसमें आयरन की पर्याप्त मात्रा होती है।

फल जैसे खजूर, तरबूज, सेब, अंगूर, किशमिश और अनार खाने से खून बढ़ता है। अनार खाना एनीमिया (Fruits in Anemia) में अधिक लाभ करता है।

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