देसी उपाय: दर्द दूर करती हैं ये चीजें

Update: 2024-07-13 12:48 GMT

शरीर के किसी भी अंग में दर्द होना आधुनिक जीवनशैली का परिणाम है। किसी भी अंग में तकलीफ होने पर रोगी को भयानक दर्द होने लगता है। यदि आप किसी भी प्रकार के दर्द के शिकार हैं तो दर्द निवारण के लिए मददगार कुछ विशेष पदार्थों का सेवन करें और घरेलू नुस्खों का उपयोग करें। ये न सिर्फ आपकी सेहत की रक्षा करेंगे बल्कि हर तरह के दर्द में औषधि की तरह काम करेंगे जबकि ऐलोपेथिक दवा लेने पर कई तरह के रिएक्शन हो सकते हैं। चलिए आज जानते हैं कुछ ऐसी चीजों के बारे में जिन्हें खाने और लगाने पर दर्द गायब हो जाता है।

1) मेथी गैस व कफ दोनों को ही मिटाने वाली औषधि की तरह काम करती है। रोजाना 5 ग्राम मेथी का चूर्ण सुबह-शाम खाने से वात रोग दूर हो जाते हैं। मेथी व सोंठ को समान मात्रा में मिलाकर बारीक चूर्ण बनाकर रख लें। इस चूर्ण को 5-5 ग्राम की मात्रा में गुड़ मिलाकर सुबह शाम खाने से गठिया व जोड़ो के दर्द से छुटकारा मिलता है।

2) सौंठ और अदरक एक ही पदार्थ के दो रूप हैं। गीले रूप में यह अदरक कहलाता है। सूखने पर यही सौंठ हो जाती है। अदरक और सौंठ का उपयोग मसालों और घरेलू दवाओं के रूप में भी व्यापक रूप से किया जाता है। यह वात रोगों की सबसे अच्छी औषधि है। यदि शरीर के किसी भी अंग में दर्द हो तो थोड़ा सा सौंठ का चूर्ण फांक लें। दर्द से तुरंत राहत मिल जाएगी।

3) जायफल के तेल को सरसों के तेल में मिलाकर जोड़ों की पुरानी सूजन पर मालिश करने से लाभ मिलता है। यह संधिवात के कारण अकड़े हुए संधि-स्थल को खोलता है। जिससे जोड़ों के दर्द से राहत मिलती है। जायफल का चूर्ण शहद के साथ सेवन करने से जोड़ों का दर्द दूर होता है। जायफल को बकरी के दूध में घिसकर उसे थोड़ा गर्म कर लेप करने से सिरदर्द, सिर का भारीपन व जुकाम ठीक हो जाता है।

4) गठिया के दर्द में गाजर बहुत उपयोगी है। इसे उबाल कर भी खाया जा सकता है, लेकिन कच्चे गाजर का रस अधिक लाभप्रद होता है।

5) गाजर खाने से शरीर को सही मात्रा में पोषण मिलता है। रोजाना गाजर का रस पीने से जोड़ों के दर्द से छुटकारा मिलता है। इसमें आंवले का रस मिला लेने पर ये अधिक गुणकारी हो जाता है।

6) किसी भी तरह का दर्द हो लहसुन के रस के प्रभाव से यूरिक एसिड गलकर तरल रूप में मूत्रमार्ग से बाहर निकल जाता है। इसलिए यह गठिया और संधिवात आदि रोगों में गुणकारी है। लहसुन से पेटदर्द, गठिया, गले के दोष आदि में भी औषधि की तरह काम करता है।

7) दूध और पानी बराबर मात्रा में मिलाकर लहसुन और वायव डिंग को उसमें उबालें। जब पानी जल जाए तो दूध को उतार लें, इसे छानकर ठंडा होने पर पिएं। इससे मांसपेशियां मजबूत होती है। लहसुन व उड़द के बड़े बनाकर तिल के तेल में तल कर खाने से संधिवात और अन्य बीमारियों में राहत मिलती है।

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