अमेरिका की मिशिगन यूनिवर्सिटी के स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत बच्चों का अस्पताल चलता है। जिसका नाम सीएस मॉट्स चिल्ड्रन्स हॉस्पिटल है । इस अस्पताल ने हाल ही में बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर एक सर्वेक्षण कराया था। इस पोल में 2099 पैरेंट्स की प्रतिक्रिया ली गई. इस पोल के नतीजों में यह बात सामने आई है कि माता-पिता की सबसे बड़ी चिंता बच्चों के स्क्रीन टाइम और सोशल मीडिया पर बिताए जाने वाले समय को लेकर है.
इस पोल के नतीजों के मुताबिक एक दशक पहले तक बच्चों का मोटापा और उससे जुड़ी बीमारियाँ माता-पिता के लिए बड़ी चिंता का विषय हुआ करती थीं। लेकिन अब अभिभावक स्क्रीन टाइम, सोशल मीडिया और बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर अधिक चिंतित हैं।
सीएस मॉट हॉस्पिटल की बाल रोग विशेषज्ञ सुज़ैन वूलफोर्ड का कहना है कि माता-पिता अभी भी उन चिंताओं से ग्रस्त हैं जो सीधे उनके स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं। जैसे शारीरिक गतिविधि की कमी, अस्वास्थ्यकर भोजन आदि। लेकिन अब अधिकांश माता-पिता बच्चों के दिमाग पर स्क्रीन टाइम और सोशल मीडिया के प्रभाव को लेकर अधिक चिंतित हैं।
डॉ. वोल्फ़ोर्ड ने कहा, “बच्चे अब कम उम्र में ही डिजिटल उपकरणों का उपयोग करने लगे हैं। माता-पिता की चिंता यह है कि इस पर निगरानी कैसे रखी जाए और बच्चों पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव से उन्हें कैसे बचाया जाए। सोशल मीडिया बच्चों के आत्म-सम्मान, उनके सामाजिक संपर्कों पर प्रभाव डाल सकता है और यह उनकी नींद और स्वास्थ्य के अन्य पहलुओं पर भी प्रभाव डाल सकता है