बांग्लादेश में चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी पर भारत में मचा बवाल! बांग्लादेश कोर्ट ने चिन्मय प्रभू की जमानत की अपील की खारिज
नई दिल्ली। बांग्लादेश के ढाका के हजरत शाहजलाल हवाई अड्डे से चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को सोमवार की दोपहर को गिरफ्तार कर लिया गया। आज मंगलवार को वहां की अदालत ने संत चिन्मय कृष्ण दास प्रभू की जमानत की अपील खारिज कर दी। इस बीच संत चिन्मय की गिरफ्तारी से भारत और बांग्लादेश के बीच नए सिरे से तनाव बढ़ गया है। भारत में इस्कॉन संस्था ने सरकार से तुरंत संत चिन्मय की रिहाई कराने की अपील की है।
वहीं इस मामले में आध्यात्मिक नेता सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने कहा कि यह देखना शर्मनाक है कि कैसे एक लोकतांत्रिक राष्ट्र विघटित होकर धर्मतंत्रीय और निरंकुश बन रहा है। खुले लोकतंत्र के महत्व को समझना हर नागरिक की जिम्मेदारी है। धर्म या जनसांख्यिकी की कमजोरी के आधार पर उत्पीड़न लोकतांत्रिक राष्ट्रों का तरीका नहीं है। दुर्भाग्य से हमारा पड़ोस लोकतांत्रिक सिद्धांतों से दूर हो गया है। बांग्लादेश के हर नागरिक की जिम्मेदारी होनी चाहिए कि वह एक लोकतांत्रिक राष्ट्र का निर्माण करे, जहां सभी नागरिकों को अपनी जरूरतों और मान्यताओं के अनुसार अपने जीवन को पूरा करने के लिए ज़रूरी अधिकार और क्षमता होगी।