सरकारी कर्मचारियों को मिलेगी बड़ी राहत, 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन को कैबिनेट की मंजूरी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खबर में आठवीं केंद्रीय वेतन आयोग की स्थापना को मंजूरी दे दी है। यह कदम एक करोड़ से अधिक केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स द्वारा अपेक्षित था, जो इस आयोग के गठन का इंतजार कर रहे थे, ताकि उनके मूल वेतन, भत्तों, पेंशन और अन्य लाभों का पुनरीक्षण किया जा सके।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस घोषणा के दौरान कहा कि आयोग का गठन 2026 तक किया जा सकता है। उन्होंने यह भी दोहराया कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें पहले ही लागू की जा चुकी हैं। सरकार आयोग के अन्य विवरणों, जिनमें इसके सदस्यों की जानकारी भी शामिल होगी, के बारे में बाद में सूचित करेगी। सातवें वेतन आयोग ने केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतन संरचना, भत्तों और पेंशन में महत्वपूर्ण बदलाव किए, जिससे वेतन समानता सुनिश्चित हुई और सक्रिय कर्मचारियों तथा सेवानिवृत्त पेंशनर्स दोनों को लाभ हुआ।
8वां वेतन आयोग कब देय था?
बता दें कि केंद्रीय वेतन आयोग हर 10 साल में एक बार स्थापित किया जाता है, ताकि केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतन संरचना, भत्तों और लाभों में बदलाव की समीक्षा की जा सके और सिफारिशें की जा सकें। ये आयोग महंगाई और आर्थिक परिस्थितियों जैसे कारकों को ध्यान में रखते हैं। सातवां वेतन आयोग, जिसे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा 28 फरवरी 2014 को गठित किया गया था। जिसकी रिपोर्ट 19 नवंबर 2015 को प्रस्तुत की और इसकी सिफारिशों को 1 जनवरी 2016 से लागू किया गया। वहीं आठवां वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना है। पिछले आयोगों की तरह, इसमें वेतन संरचना में संशोधन किए जाने की संभावना है। जिसमें महंगाई भत्ते (DA) और पेंशनर्स के लिए महंगाई राहत (DR) में समायोजन शामिल होगा।