मौसम का सितम: बर्फबारी से केदारनाथ में माइनस आठ डिग्री पहुंचा पारा, गंगोत्री में जमने लगा नदी-नालों का जल

Update: 2023-11-10 12:55 GMT

केदारनाथ में लगातार दूसरे दिन जमकर बर्फबारी हुई। इसके चलते धाम में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। वहीं, गंगोत्री धाम में भी नदी नालों का जल जमने लगा है। केदारनाथ धाम में कई जगहों पर तीन से पांच इंच तक बर्फ जमा हो चुकी है, जिस कारण यात्रियों व धाम में यात्रा ड्यूटी पर तैनात अधिकारी-कर्मचारियों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

बुधवार को हुई बर्फबारी के बाद बृहस्पतिवार सुबह धाम में मौसम साफ था। दिन चढ़ने के साथ यहां तेज धूप खिल गई थी, जिससे यात्रियों को शीतलहर से राहत मिली। दोपहर तक मौसम सुहावना बना रहा, लेकिन दोपहर 1:15 बजे से अचानक घने बादल छा गए और तेज बर्फबारी होने लगी। करीब तीन घंटे तक धाम में बर्फबारी होती रही।

इस दौरान मंदिर परिसर, मंदिर मार्ग से लेकर अन्य स्थानों पर तीन से पांच इंच तक बर्फ जमा हो गई थी। केदारनाथ में मौजूद तीर्थपुरोहित संतोष त्रिवेदी ने बताया कि बर्फबारी से संपूर्ण केदारपुरी में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। दोपहर को बाल भोग के समय जब मंदिर के कपाट बंद हुए उस वक्त यहां सन्नाटा पसर गया। चार बजे जब पुन: कपाट खुले तब हल्की बर्फबारी के बीच श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए।


वहीं, बीकेटीसी के कार्यधिकारी रमेश चंद्र तिवारी ने बताया कि लगातार दूसरे दिन भी बर्फबारी से शीतलहर का प्रकोप अपने चरम पर है। केदारनाथ में अधिकतम तापमान छह डिग्री और न्यूनतम माइनस आठ डिग्री रहा। बता दे कि बीते बुधवार को भी केदारनाथ में तेज बर्फबारी हुई थी। धाम में खराब मौसम के कारण पुनर्निर्माण कार्य भी व्यापक रूप से प्रभावित हो रहे हैं।

गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने में अभी पांच दिन का समय शेष है, लेकिन धाम में ठंड का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। स्थिति यह है कि धाम में भागीरथी (गंगा) नदी का जल और नलों का पानी जमने लग गया है। रात का तापमान माइनस 6 से 7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच रहा है। सुबह और शाम को हाड़ कंपाने वाली ठंड पड़ रही है।

शीतकाल के लिए 14 नवंबर को धाम के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। धाम में दिन में जहां अधिकतम तापमान 10 से 12 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जा रहा है वहीं रात को माइनस 6 से 7 डिग्री तक लुढ़क रहा है। इससे घाट के किनारों पर जमा पानी जमने लगा है। वहीं नलों से आने वाला पानी भी जम गया है। तीर्थपुरोहित रजत सेमवाल, राजेश सेमवाल ने बताया कि दोपहर में थोड़ी धूप निकलने से कुछ राहत मिलती है, लेकिन शाम होते ही हाड़ कंपाने वाली ठंड महसूस हो रही है।

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