गाजियाबाद जनपद का पहला विरासती पेड़ कहां है? इस पेड़ के साथ क्या बर्ताव कर रहा है सरकार और समाज? जानें पेड़ की कहानी
धीरेंद्र सिंह (सिटीजन रिपोर्टर)
गाजियाबाद। गाजियाबाद का पहला व विरासती पेड़ प्रशासन की लापरवाही से गिरने की कगार पर है। इस इस संबंध में स्थानीय निवासियों ने पेड़ को गिरने से बचाने के लिए उसके पास से सीवर का पानी होकर जाने पर रोक लगाया है। इसकी रक्षा की जाने की गुहार लगायी है।
वेव सिटी के अंदर और बम्हैटा गांव की सीमा पर सदियों पुराना एक वट विशाल पेड़ है। जिसे कुछ साल पहले पर्यावरण प्रेमी लोगों की जागरूकता के कारण उत्तर प्रदेश सरकार ने जनपद का पहला विरासती पेड़ घोषित किया था। इस विशाल पेड़ के पास एक साफ पानी का तालाब था। पेड़ पर विभिन्न प्रजातियों के कई पक्षी आते हैं। इस तालाब में बम्हेटा गांव की तरफ से सीवर और गंदे पानी की एक सरकारी नाली डाल दी गई है। अब पूरे गांव और आसपास की कॉलोनी का गंदा प्रदूषित पानी तालाब में आ रहा है।
इस जल की निकासी ना होने के कारण पेड़ की जड़ें कमजोर हो रही हैं और मिट्टी का कटान भी जारी है। इस वट पेड़ के आसपास बहुत ज्यादा पानी फैलने के साथ-साथ कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। जमीन में नमी बनी रहती है। इस वजह से पेड़ की जड़ें कमजोर हो रही हैं और पेड़ के अस्तित्व को खतरा हो गया है।
वह ज्यादा दिन तक खड़ा नहीं रह पाएगा। स्थानीय नागरिकों को कहना है कि विरासती पेड़ की देखभाल वन विभाग व नगर निगम के ओर से कोई कोशिश नहीं की गई है। प्राचीन और विशाल विरासती पेड़ की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार और समाज पर है। उन्होंने इस संबंध में लोगों से इस पेड़ को बचाने के लिए तत्काल उचित कदम उठाने की मांग की है।