प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने बेंगलुरु, कर्नाटक में नए बोइंग इंडिया इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी सेंटर (BIETC) परिसर का उद्घाटन किया।

Update: 2024-01-19 10:44 GMT

बोइंग के टेक सेंटर (Boeing India Engineering & Technology Center (BIETC)) के उद्घाटन के बाद अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि 'बेंगलूरू उम्मीदों को अविष्कार और उपलब्धियों से जोड़ने वाला शहर है। बेंगलूरू भारत की तकनीकी क्षमताओं को वैश्विक आपूर्ति से जोड़ता है। यह बोइंग का नया कैंपस बेंगलूरू की पहचान को और मजबूत करेगा। यह अमेरिका के बाहर बोइंग का सबसे बड़ा सेंटर होगा।' प्रधानमंत्री ने कहा कि 'इस कैंपस से दुनिया का भारत के टैलेंट में विश्वास मजबूत होगा। एक दिन भारत ही भविष्य ही विमान का डिजाइन इसी सेंटर में बनाएगा। चाहे फाइटर पायलट हों या सिविल एविएशन, आज भारत महिला पायलट के मामले में लीड कर रहा है। आज भारत के पायलट में से 15 प्रतिशत महिला पायलट्स हैं, ये ग्लोबल एवरेज से तीन गुना ज्यादा है।'

सीएम सिद्धारमैया बोले- कर्नाटक की एक और उपलब्धि

सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि बोइंग के इस सेंटर के उद्घाटन के साथ ही कर्नाटक की उपलब्धियों में एक और उपलब्धि जुड़ गई है। कर्नाटक भारत में तकनीकी विकास का अगुआ रहा है। साथ ही यह राज्य दुनिया का चौथा सबसे बड़ा तकनीकी क्लस्टर है। भारत में इनोवेशन इंडेक्स में यह पहले स्थान पर है और सभी राज्यों में सबसे ज्यादा निर्यात कर्नाटक ही करता है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक के बेंगलूरू में अमेरिकी विमान निर्माण कंपनी 'बोइंग के नए वैश्विक इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी सेंटर' का उद्घाटन किया। इस दौरान कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया, राज्यपाल थावरचंद गहलोत और बोइंग के शीर्ष अधिकारी भी मौजूद रहे।

बोइंग का यह कैंपस 43 एकड़ में फैला है और इसे बनाने में 1600 करोड़ रुपये की लागत आई है। बोइंग का यह सेंटर अमेरिका के बाहर कंपनी का सबसे बड़ा निवेश है। बेंगलूरू के बाहरी इलाके देवनहल्ली में स्थित यह हाईटेक डिफेंस और एयरोस्पेस पार्क कैंपस है। इस सेंटर से वैश्विक एयरोस्पेस और रक्षा उद्योग के लिए अगली पीढ़ी के आधुनिक उत्पाद और सेवाएं विकसित की जाएंगी।

'बोइंग सुकन्या कार्यक्रम' की भी शुरुआत की

प्रधानमंत्री ने 'बोइंग सुकन्या कार्यक्रम' की भी शुरुआत की जिसका उद्देश्य देश के बढ़ते विमानन क्षेत्र में पूरे भारत से ज्यादा से ज्यादा लड़कियों को बढ़ावा देना है। यह कार्यक्रम लड़कियों और महिलाओं को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कौशल सीखने और विमानन क्षेत्र में नौकरियों के लिए प्रशिक्षण के अवसर प्रदान करेगा। कार्यक्रम के तहत युवतियों को STEM क्षेत्र से जुड़े करियर में रुचि जगाने में मदद मिलेगी। इसके तहत 150 जगहों पर लैब बनाई जाएंगी। 

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