शंभू बॉर्डर पर बंकर बना रहे किसान, पुलिस ने चेतावनी से पहले दागे आंसू गैस के गोले; जानें कब-क्या हुआ

Update: 2024-02-22 05:51 GMT

शंभू बॉर्डर पर किसानों और हरियाणा पुलिस के बीच टकराव जारी है। किसान जैसे ही एक कदम आगे बढ़ाते हैं, उन पर एक बार में कम से कम 25 से 30 आंसू गैस के गोले दागे जाते हैं। किसानों ने भी रेत की बोरियों से बंकर बना कर त्रिकोणीय रणनीति बनाई है। यह मंजर देख ऐसा लगता है मानो किसानों पर आंसू गैस के गोले नहीं, बल्कि किसी जंगी कार्रवाई में ग्रेनेड से हमला हो रहा है।

लगातार आंसू गैस के गोले का धमाका किसी को बहरा तक कर सकता है। बुधवार को किसानों को खदड़ने के लिए हरियाणा पुलिस आराम से ड्रोन के जरिये आंसू गैस के गोले दागती रही। पंजाब की सरहद में 200 से 300 मीटर अंदर घुसकर किसानों पर गोले दागे जा रहे हैं।

अल्टीमेटम से ठीक चार मिनट पहले ही दागे 30 गोले

किसान नेताओं ने बुधवार सुबह 11 बजे एक बार फिर शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच का एलान किया था। किसान शंभू बॉर्डर पर पुलिस की बैरिकेडिंग की ओर बढ़ ही रहे थे कि इस बीच हरियाणा पुलिस ने सुबह 10.54 बजे तीन बार चेतावनी दी। 

इसके बाद 11 बजे से ठीक चार मिनट पहले 10.56 बजे बैरिकेडिंग की ओर बढ़ती भीड़ पर 25 से 30 आंसू गैस के गोले दाग डाले। इनसे कई युवा और किसान नेता जख्मी हुए। आगे बढ़ रह युवाओं पर रबड़ की गोलियां दागी गईं। 

रेत-मिट्टी की बोरियों की दीवार

शंभू बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस की बैरिकेडिंग से लेकर किसान जत्थेबंदियों के मंच तक करीब 300 मीटर का फासला है। इसी जगह किसान नेता इकट्ठे होकर आगे बढ़ने का प्रयास कर रहे हैं। यहीं उन पर आंसू गैस के गोले, रबड़ की गोलियां और ड्रोन से हमला हो रहा है। 

शंभू बॉर्डर के हाईवे पर स्थित पुल पर हरियाणा पुलिस ने जहां आठ लेयर की बैरिकेडिंग की है। बीते सोमवार और मंगलवार किसान अपने ट्रैक्टर-ट्रालियों में रेत-मिट्टी की जो बोरियां लादकर बॉर्डर पर पहुंचे थे, अब तक उन बोरियाें से रास्ते बनने की बात हो रही थी। दरअसल रेत की ये बोरियां किसानों की त्रिकोणीय नीति का एक हिस्सा है। 

पुल पर पुलिस की बैरिकेडिंग से करीब 70 से 80 मीटर पहले किसानों ने इन रेत की बोरियों से बीच रास्ते में और हाईवे के दोनों तरफ बंकर और दीवारें बनानी शुरू कर दी हैं, ताकि पुलिस के गोलों और गोलियाें से बचा जा सके। हाईवे के दोनों ओर की सड़कों से किसानों को ट्रैक्टर और ट्रालियां लेकर आगे बढ़ने को कहा गया है।

शंभू बॉर्डर पर कब-क्या हुआ

-सुबह 10.56 बजे हरियाणा पुलिस ने तीन चेतावनी देने के बाद एक बार में उन पर 25 से 30 आंसू गैस के गोले दागे।

-सुबह 11 बजे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवण सिंह पंधेर मंच से युवाओं को दिल्ली कूच के लिए आगे बढ़ने से पहले रोकते रहे। 

-सुबह 11 बजे से दोपहर 1.15 बजे तक संयुक्त किसान मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंधेर, जगजीत सिंह डल्लेवाल और तमाम जत्थेबंदियों के नेता मंच से अपनी मांगों को लेकर भाषण देते रहे।

-दोपहर 1.15 बजे जब युवा फिर आगे बढ़े उन पर तीन से चार बार में 50 से 60 आंसू गैस के गोले और रबड़ की गोलियां दागी गईं। इस बीच पुलिस ने ड्रोन से आंसू गैस का गोला किसान नेताओं के मंच के पास फेंका। इससे किसान नेता सरवन सिंह पंधेर की अचानक तबीयत खराब हो गई और उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया। 

-हरियाणा पुलिस ने फिर लगातार दोपहर 1.16 बजे, 1.19, 1.20 और 1.23 बजे 60 से 70 आंसू गैस के गोले बैरिकेडिंग के उस पार और ड्रोन के जरिये किसानों को टारगेट बनाकर दागे। 

-दोपहर 3.30 बजे जब किसानों पर अंधाधुंध आंसू गैस के गोले दागे गए, तब मंच से संयुक्त किसान मोर्चा के वरिष्ठ नेताओं ने युवाओं और किसानों को जेसीबी, पोकलेन और ट्रैक्टर लेकर आगे बढ़ने को कहा। 

-सुबह 10.56 बजे से शाम 4.54 बजे तक हरियाणा पुलिस ने अलग-अलग समय पर 11 बार में किसानों पर बैरिकेडिंग पार से और ड्रोन से कुल 250 से ज्यादा आंसू गैस के गोले दागे। 

शंभू व खनौरी बॉर्डर पर टकराव, एक किसान की मौत, 23 घायल 12 पुलिसकर्मी भी जख्मी

आपको बता दें कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी की मांग को लेकर आठ दिनों से शंभू और खनौरी-दातासिंह वाला बॉर्डर डटे किसानों ने बुधवार सुबह दिल्ली कूच का प्रयास किया। जवाब में हरियाणा पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने आंसू गैस के गोले बरसाए और रबड़ की गोलियां भी चलाईं। दो किसान गोली लगने से जख्मी हो गए, जिनमें से बठिंडा के गांव बल्लोंके के युवा शुभकरण (23) की मौत हो गई, जबकि दूसरे किसान संगरूर के नवांगांव के प्रीत पाल सिंह को भी गंभीर चोट आई है। उसे रोहतक पीजीआई में भर्ती किया गया है। 

किसानों का दावा है कि शुभकरण की मौत सिर पर रबर बुलेट लगने से हुई है। टकराव में कुल 23 किसान, जबकि 12 पुलिसकर्मी जख्मी हुए। नौ किसान शंभू बॉर्डर और 14 खनौरी बॉर्डर पर घायल हुए हैं। हरियाणा पुलिस का कहना है कि किसानों ने उन पर तलवारों और भालों से हमला किया। हरियाणा पुलिस की एआईजी मनीषा चौधरी ने कहा कि किसानों ने पराली में मिर्च डाल कर जलाई और पंखों से धुआं हमारी ओर कर दिया। इसके बाद पुलिस ने रबड़ बुलेट्स का इस्तेमाल किया।

 शुभकरण को राजिंदरा अस्पताल में डाॅक्टरों ने मृत घोषित किया। अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. एचएस रेखी के मुताबिक पोस्टमार्टम होने के बाद ही मौत के कारणों का पता चल पाएगा। डॉक्टरों ने सिर पर चोट की पुष्टि की है। संगरूर जिले के दो अन्य किसान सिमरन और जुगराज सिंह भी राजिंदरा अस्पताल में भर्ती हैं। अन्य किसानों को राजपुरा के सरकारी सिविल अस्पताल और पटियाला के सरकारी राजिंदरा अस्पताल में दाखिल कराया कराया गया है।

 इससे पहले केंद्र सरकार की तरफ से एमएसपी समेत बाकी मांगों पर बातचीत के लिए किसानों को न्योता दिया। केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा की ओर से किए ट्वीट के बाद किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने साथियों के साथ चर्चा के बाद बातचीत के बारे में निर्णय लेने की बात कही। इससे टकराव टलने की उम्मीद बन गई थी, लेकिन बाद में खन्नौरी बॉर्डर पर हालात बिगड़े और किसानों पर हरियाणा की तरफ आंसू गैस के गोलों व रबड़ की गोलियां दागने के अलावा पानी की बौछारें मारी गईं। इस दौरान एक किसान की मौत होने की भी सूचना मिली, जिससे किसान भड़क गए।

 किसान नेता पंधेर व जगजीत सिंह डल्लेवाल ने शाम को शंभू बार्डर पर एलान कर दिया कि अब ऐसे में सरकार से बातचीत करना उचित नहीं लगता। इसके बाद किसान नेताओं की अगुवाई में बड़ी गिनती में नौजवान बॉर्डर पर आगे बढ़ने लगे। हरियाणा की तरफ से ड्रोन के जरिये आंसू गैस के गोले दागे गए। इससे किसान नेता पंधेर व डल्लेवाल की तबीयत भी बिगड़ गई।

 

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