ऑनलाइन बैंकिंग की सुविधा बढ़ने के बाद से दो बैंको के बिच मनी ट्रांसफर (आरटीजीएस और एनईएफटी) के लिए 80 फीसदी लोग ऑनलाइन माध्यमों का ही प्रयोग कर रहे हैं। इसमें सबसे जयदा बढ़ोतरी कोरोना काल में हुई थी जब लोग घरो में बंद थे और बैंक जाना पॉसिबल नहीं था। अब तो आसानी से लोग चाय की टपरी पे 20 रूपये से लेकर अपने काम काज के लिए 10 से 20 लाख तक ऑनलाइन ही ट्रांसफर कर लेते है। पहले लोगों को बैंको की लाइन में खड़े होकर फंड ट्रांसफर करना पड़ता था. लेकिन अब डिजिटल पेमेंट के जरिए सब कुछ काफी आसान हो गया है. अब भारत के ज़्यदातर बैंको , सरकारी दफ्तरों और कंपनियो में डिजिटल पेमेंट ही प्रयोग होता है , इससे रिकॉर्ड रखने में आसानी होती है.
नॉएडा में एक दिन में करीब 1000 आरटीजीएस व एनईएफटी ट्रांजेक्शन होते हैं. इसमें से 50 से 60 करोड़ रुपये केवल ऑनलाइन जरिए से ही ट्रांसफर किये जा रहे हैं. बैंकों की कतारों से बचने के लिए लोग ऑनलाइन माध्यम भी अपना रहे हैं। इनमें चालू खाताधारकों की संख्या अधिक है. 2021-2022 में केवल 55 फीसदी लोग ही ऑनलाइन सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं. जिले में 35 बैंकों की 570 शाखाओं में साढ़े 12 लाख खाताधारक हैं। ऑनलाइन RTGS के लिए सभी बैंकों के अपने-अपने नियम और सीमाएं हैं। बैंक के प्रबंधक विदुर भल्ला ने कहा कि टेक्नोलॉजी लगातार विकसित हो रही है। ऑनलाइन बैंकिंग ने एक बैंक से दूसरे बैंक में पैसे ट्रांसफर करना काफी सुविधाजनक बना दिया है। इसी के साथ ये काफी सुरक्षित भी है
NEFT और RTGS क्या है ?
NEFT यानि (नेशनल इलेक्ट्रानिक फंड ट्रांसफर) और RTGS यानि (रीयल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट ) पैसा भेजने के लिए प्रयोग किए जाने वाले दो सबसे लोकप्रिय और सुविधाजनक तरीके हैं। ये दोनों ही इलेक्ट्रानिक भुगतान प्रणाली हैं। जो अलग अलग उपयोगकर्ताओं को दो बैंक के बीच मनी ट्रांसफर करने की अनुमति देती हैं। इसकी निगरानी भारतीय रिजर्व बैंक करता है। NEFT और RTGS से कोई भी व्यक्ति केवल भारत में ही पैसे ट्रांसफर कर सकता है।
NEFT में लेनदेन का निपटारा आधे घंटे के बैच में होता है, जबकि RTGS में पैसा तुरंत खाते में पहुंच जाता है जैसे की इसका नाम ही है (रीयल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट ) तो ये रियल टाइम में काम करते है।