पेटीएम ने लिया बड़ा फैसला, ऐसे मिलेगा ग्राहकों को फायदा

कंपनी ने एक आधिकारिक संदेश में स्पष्ट किया कि 1 अप्रैल 2025 से सभी डिजिटल लेनदेन केवल पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज लिमिटेड (PPSL) के माध्यम से ही संचालित किए जाएंगे।;

By :  DeskNoida
Update: 2025-03-25 15:32 GMT

डिजिटल भुगतान सेवा प्रदान करने वाली कंपनी पेटीएम ने एक बड़ा फैसला लेते हुए घोषणा की है कि वह अब तीसरे पक्ष के भुगतान ऑर्केस्ट्रेशन प्लेटफार्मों, जैसे जस्टपे, का उपयोग बंद कर देगी और सभी लेनदेन सीधे अपने प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्रोसेस करेगी। एक रिपोर्ट के अनुसार, यह कदम फिनटेक उद्योग में बढ़ते रुझान का हिस्सा है, जहां कई कंपनियां बिचौलियों को हटाकर अपने लेनदेन पर अधिक नियंत्रण हासिल कर रही हैं। इससे न केवल संचालन की प्रक्रिया सरल होगी बल्कि व्यापारियों और ग्राहकों के लिए भुगतान अनुभव भी बेहतर होगा।

इससे पहले रेजरपे, फोनपे और कैशफ्री पेमेंट्स जैसी कंपनियां भी इसी मॉडल को अपना चुकी हैं। इन कंपनियों ने अपने स्वयं के भुगतान प्रोसेसिंग सिस्टम विकसित कर लिए हैं, जिससे वे अपने लेनदेन को अधिक सुरक्षित और कुशल बना सकें। पेटीएम का यह कदम भी इसी दिशा में बढ़ाया गया एक प्रयास माना जा रहा है, जिससे कंपनी अपने व्यापारियों और ग्राहकों को अधिक निर्बाध और सुरक्षित भुगतान सेवाएं प्रदान कर सकेगी।

कंपनी ने अपने व्यापारियों को भेजे एक आधिकारिक संदेश में स्पष्ट किया कि 1 अप्रैल 2025 से सभी डिजिटल लेनदेन केवल पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज लिमिटेड (PPSL) के माध्यम से ही संचालित किए जाएंगे। पेटीएम ने व्यापारियों को सलाह दी है कि वे इस बदलाव को ध्यान में रखते हुए समय रहते अपने भुगतान प्रणाली को समायोजित कर लें, ताकि किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।

पेटीएम ने अपने नोटिफिकेशन में कहा, "हम अपने व्यापारियों को एक निर्बाध और कुशल भुगतान अनुभव प्रदान करने के लिए अपनी भुगतान प्रणाली को और मजबूत कर रहे हैं। 1 अप्रैल 2025 से, पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज लिमिटेड केवल उन्हीं लेनदेन को प्रोसेस करेगा जो सीधे इसके प्लेटफॉर्म से किए जाएंगे। जस्टपे सहित किसी भी अन्य माध्यम से भुगतान की प्रक्रिया को बंद कर दिया जाएगा।"

इस बदलाव से पेटीएम को अपने पेमेंट गेटवे इंफ्रास्ट्रक्चर पर अधिक नियंत्रण मिलेगा और वह अपने व्यापारियों को तेज, सुरक्षित और अधिक विश्वसनीय सेवा प्रदान कर सकेगा। इसके अलावा, बिचौलियों को हटाने से लेनदेन की प्रक्रिया तेज होगी और संभावित सुरक्षा जोखिमों को भी कम किया जा सकेगा।

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