अमित शाह ने बताया- भाजपा अपने तीसरे कार्यकाल में किस रास्ते पर आगे बढ़ेगी? कुंभ में करोड़ों लोगों के जुटने का कारण भी बताया

Update: 2025-01-23 13:16 GMT

अहमदाबाद। प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन चल रहा है। यह 13 जनवरी से शुरू हुआ है। इसकी समाप्ति 26 फरवरी को होगा। यह 45 दिन का कार्यक्रम है। इस आयोजन में भारत से ही नहीं बल्कि देश-विदेश से भी लोग इस कुंभ में शामिल हो रहे हैं। बुधवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उपमुख्यमंत्री समेत 54 मंत्रियों के साथ संगग में डुबकी लगाई। सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस महाकुंभ में शामिल हो सकते है।

वहीं, गृह मंत्री अमित शाह भी इस आयोजन में 27 जनवरी को शामिल होंगे। इसकी जानकारी उन्होंने खुद दी है। उन्होंने कहा कि इस आध्यात्मिक आयोजन की सराहना की है और कहा कि दुनिया में कोई भी अन्य आयोजन महाकुंभ से अधिक सद्भाव और एकता का संदेश नहीं देता है।

दरअसल, अमित शाह ने आज गुजरात विश्वविद्यालय के मैदान में हिंदू आध्यात्मिक और सेवा मेले का उद्घाटन किया। इसी दौरान उन्होंने लोगों संबोधित करते हुए महाकुंभ में जाने की बात की। प्रयागराज महाकुंभ को लेकर अमित शाह ने कहा कि जिस पैमाने पर प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन किया गया है, उसे देखकर दुनिया भर के लोग आश्चर्यचकित हैं। इतना ही नहीं विभिन्न देशों के राजदूतों ने उनसे 'निमंत्रण कार्ड' के लिए अनुरोध किया। इस पर मैंने उन्हें बताया कि इसके लिए कोई औपचारिक निमंत्रण नहीं है, क्योंकि करोड़ों लोग ग्रहों की स्थिति के अनुसार एक विशिष्ट समय पर इकट्ठे होते हैं और गंगा में डुबकी लगाते हैं। शाह ने कहा कि मेरे बताने पर वे लोग भरोसा नहीं कर रहे कि 40 करोड़ लोग बिना किसी निमंत्रण के एक जगह इकट्ठा होते हैं।

शाह ने अपने संबोधन में कहा कि कुंभ सद्भाव और एकता का संदेश देता है क्योंकि वहां कोई किसी से नहीं पूछता कि आप किस धर्म, संप्रदाय या जाति से हैं। आपको बिना किसी भेदभाव के वहा भोजन मिलेगा और पवित्र डुबकी लगाने के बाद घर वापस जाएंगे। दुनिया में कोई भी अन्य घटना इससे अच्छा संदेश नहीं देती है।

उन्होंने कहा कि दस वर्षों में स्थिति बदल गई है। अब, हमारी विचारधारा के अनुसार लगभग सभी लंबित कार्य पूरे हो चुके हैं, चाहे वह जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाना हो, अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो, तीन तलाक को खत्म करना या यूसीसी का कार्यान्वयन हो। अब भाजपा अपने तीसरे कार्यकाल में भी इसी रास्ते पर आगे बढ़ेगी।

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