महाकुंभ में भगदड़ और गड़बड़ियों की सीबीआई से जांच की मांग को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह कहकर किया खारिज
प्रयागराज। प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ से जुड़े मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने योगी सरकार को राहत दी है। दरअसल भगदड़ और गड़बड़ियों की जांच सीबीआई से कराए जाने की जनहित याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने जनहित याचिका को आधारहीन कहा है।
दरअसल, चीफ जस्टिस अरुण भंसाली और जस्टिस क्षितिज शैलेंद्र की डिवीजन बेंच ने आज इस मामले में फैसला सुनाया। हाईकोर्ट ने सभी पक्षों की बहस पूरी होने के बाद मंगलवार के लिए फैसला सुरक्षित कर लिया था।
महाकुंभ की अव्यवस्थाओं और प्रशासनिक लापरवाही को लेकर रखा पक्ष
बता दें कि महाकुंभ की भगदड़ के साथ ही व्यवस्थाओं में गड़बड़ियों और कमियों की जांच सीबीआई से कराए जाने की मांग को लेकर जनहित याचिका दाखिल की गई थी। वहीं यह याचिका सोशल एक्टिविस्ट केशर सिंह, योगेंद्र कुमार पांडेय और कमलेश सिंह की ओर से दाखिल की गई थी।
इस पीआईएल में मेले की अव्यवस्थाओं को लेकर आवश्यक कार्यवाही के लिए सम्पूर्ण रिपोर्ट संबंधित अधिकारियों को पेश करने का निर्देश देने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विजय चंद्र श्रीवास्तव और सुनीता शर्मा ने अदालत में अपनी बात रखे थे। उन्होंने महाकुंभ की अव्यवस्थाओं, प्रशासनिक लापरवाही और गंगाजल दूषित होने को लेकर अदालत में पक्ष रखा था।
हालांकि योगी सरकार ने महाकुंभ में हुई भगदड़ को लेकर तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग गठित किया है। न्यायिक जांच आयोग हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस हर्ष कुमार की अध्यक्षता में गठित है। आयोग में पूर्व आईएएस डी के सिंह और पूर्व आईपीएस वी के गुप्ता शामिल हैं।