सियाहत मेरी स्याही से... भारत की तुम से आप तक की यात्रा

Update: 2025-01-18 07:02 GMT

- पुस्तक रिव्यू

- लेखक:अतुल चतुर्वेदी

सियाहत मेरी स्याही से अतुल चतुर्वेदी द्वारा लिखित एक प्रेरणादायक और गहन यात्रा-संस्मरण है, जिसे लोकभारती प्रकाशन (राजकमल प्रकाशन समूह) द्वारा प्रकाशित किया गया है। यह पुस्तक न केवल एक व्यक्ति के व्यक्तिगत और व्यावसायिक संघर्षों की कहानी है, बल्कि उद्यमिता, आत्मनिर्भरता और साहस की भावना को प्रकट करने वाली कृति भी है।

यह पुस्तक एक युवा उद्यमी की कहानी को दर्शाती है, जिसने पारंपरिक पारिवारिक व्यवसाय से आगे बढ़कर अपने सपनों को साकार करने का साहस दिखाया। यह कहानी भारत के आर्थिक उदारीकरण के शुरुआती दौर में घटित होती है, जब भारतीय व्यापारी सीमित संसाधनों और सूचनाओं के अभाव के बीच अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे।

पुस्तक में लेखक ने न केवल व्यापारिक संघर्षों और उनके समाधान का सजीव वर्णन किया है, बल्कि यह पाठकों को दुबई, बहरीन, कतर, मिस्र, इंग्लैंड, फ्रांस, जर्मनी, स्विट्जरलैंड, हॉलैंड, बेल्जियम, इटली और अमेरिका जैसे देशों की सांस्कृतिक विविधता, ऐतिहासिक धरोहर और प्राकृतिक सुंदरता से परिचित कराती है। यह पुस्तक यात्राओं के माध्यम से वैश्विक जुड़ाव और विविधताओं को समझने की दृष्टि प्रदान करती है।

लेखक ने उस दौर को vividly चित्रित किया है, जब भारतीय उत्पादों और व्यापारियों को विदेशी बाजारों में स्वीकार्यता दिलाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य था लेकिन समय के साथ, भारतीय व्यवसायियों ने अपनी मेहनत और प्रतिबद्धता के बल पर न केवल एक पहचान बनाई, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार जगत में सम्मानजनक स्थान भी हासिल किया।

सियाहत मेरी स्याही से को यात्रा साहित्य की महान रचनाओं, जैसे इब्र बतूता की रिहला और मार्को पोलो की द ट्रैवल्स ऑफ मार्को पोलो के समकक्ष रखा जा सकता है। इब्र बतूता ने अपने यात्रा वृत्तांत में मध्ययुगीन सभ्यताओं, संस्कृतियों और शासन प्रणालियों का गहन विवरण प्रस्तुत किया, वहीं यह पुस्तक आधुनिक उद्यमशीलता और आर्थिक उदारीकरण के युग में सांस्कृतिक और व्यावसायिक जुड़ाव को उजागर करती है।

मार्को पोलो की यात्राओं ने यूरोप और एशिया के बीच व्यापारिक पुल का निर्माण किया था। इसी प्रकार, सियाहत मेरी स्याही से विभिन्न संस्कृतियों और बाजारों की गहरी समझ प्रस्तुत करती है। दोनों ही कृतियां दर्शाती हैं कि यात्रा केवल भौगोलिक नहीं होती, बल्कि यह विचारों और संस्कृतियों के बीच एक पुल का निर्माण करती है।

इस पुस्तक का एक दार्शनिक आयाम भी है। लेखक यात्रा को एक भौतिक प्रक्रिया मात्र नहीं, बल्कि एक मानसिक और आध्यात्मिक अनुभव के रूप में प्रस्तुत करते हैं। पुस्तक यह संदेश देती है कि हर नई यात्रा और हर नया अनुभव हमारे सोचने और समझने के दायरे को विस्तारित करता है। यह सीमाओं को तोड़ने और नई संभावनाओं को तलाशने की प्रेरणा देती है।

यात्रा के इस दार्शनिक दृष्टिकोण ने इसे एक साधारण संस्मरण से ऊपर उठाकर एक गहन विचारोत्तेजक कृति में बदल दिया है। यह पुस्तक केवल उन लोगों के लिए नहीं है जो यात्रा करना पसंद करते हैं, बल्कि उन सभी के लिए है जो अपने जीवन में साहस, नवाचार और आत्मनिर्भरता का एक नया अध्याय शुरू करना चाहते हैं।

सियाहत मेरी स्याही से की सबसे अनूठी विशेषता यह है कि लेखक ने अपनी हर यात्रा में भारत के दृष्टिकोण को केंद्र में रखा है। जब लेखक नील नदी के तट पर होते हैं, तो उन्हें गंगा और यमुना की याद आती है और मिस्र के लक्सर में स्थानीय जुलूस और देवताओं की तुलना वे हिंदू देवताओं, विशेषकर कृष्ण से करते हैं। यूरोप के शहरों में उन्नत बुनियादी ढांचे और विकास को देखकर, वे सोचते हैं कि भारत में ऐसे विकास कार्य कैसे किए जा सकते हैं। स्विट्जरलैंड की स्वच्छता और परिवहन प्रणाली को देखकर वे भारत के लिए प्रेरणा लेते हैं। दुबई और कतर में व्यापारिक उत्कृष्टता और आर्थिक मॉडल को देखकर, वे भारत में उद्यमिता और निर्यात व्यवसाय को सुदृढ़ करने के सुझाव देते हैं।

पुस्तक में हर स्थल और अनुभव को भारत से जोड़ने का प्रयास लेखक की मातृभूमि के प्रति गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। चाहे वह पश्चिमी देशों की तकनीकी प्रगति हो या अफ्रीका और मध्य-पूर्व की सांस्कृतिक समृद्धि, हर बार लेखक ने भारत के लिए योजनाएं और संभावनाएं प्रस्तुत की हैं। यह दृष्टिकोण इस पुस्तक को न केवल एक यात्रा संस्मरण, बल्कि भारत के विकास के लिए प्रेरणा का एक अद्वितीय स्रोत बनाता है।

'सियाहत मेरी स्याही से' एक ऐसी प्रेरक कृति है, जो न केवल साहस और आत्मनिर्भरता का संदेश देती है, बल्कि यह सिखाती है कि कैसे कठिन परिस्थितियों में भी अपने सपनों को साकार किया जा सकता है। यह पुस्तक आपको न केवल अपने लिए, बल्कि राष्ट्र के लिए भी बड़े सपने देखने और उन्हें साकार करने की प्रेरणा देती है।

लेखक की यात्राएं और अनुभव इस बात का प्रमाण हैं कि संकल्प, मेहनत और दूरदृष्टि के साथ असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है। यह पुस्तक हर उस व्यक्ति के लिए है, जो अपनी सीमाओं को तोड़कर आगे बढ़ना चाहता है। अगर आप अपने जीवन में प्रेरणा की तलाश में हैं, तो यह पुस्तक आपको जीवन के नए आयाम दिखाएगी। मैं दृढ़ता से इस पुस्तक को पढ़ने की सिफारिश करता हूं – यह न केवल आपको प्रेरित करेगी, बल्कि आपके भीतर छिपी असीम संभावनाओं को भी उजागर करेगी। मैं इस पुस्तक को 5 में से 4.5 अंक देता हूं और पूरे विश्वास के साथ कहता हूं कि इसे हर युवा को अवश्य पढ़नी चाहिए।

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