पर्यावरण का सरलतम एवं योग्यतम हल यज्ञ है : डॉ. वेदपाल
-यज्ञ करने वाला व्यक्ति रोगी नहीं होता- डॉ. देव शर्मा वेदालंकार
गाजियाबाद। आर्य समाज कविनगर के त्रिदिवसीय स्वर्ण जयन्ती महोत्सव के दूसरे दिन शनिवार को आचार्य प्रमोद शास्त्री के ब्रह्मत्व में महायज्ञ से हुआ। मुख्य यज्ञमान नीतू चावला एवं सुरेश चावला, अलका चावला एवं सुशील चावला रहे। यज्ञोप्रांत आचार्य जी ने यज्ञमानों को आशीर्वाद दिया और सुखद जीवन की प्रभु से प्रार्थना की।
नोएडा से पधारी आर्य जगत की सुप्रसिद्ध भजनोपदेशिका आचार्या अलका आर्या ने ईश्वर भक्ति के सुन्दर भजनों से श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
मुख्य वक्ता आचार्य डा वेद पाल ने यज्ञ एवं पर्यावरण विषय पर विस्तृत चर्चा करते हुए बताया क़ि हमारे चारों ओर वायु,जल और भूमि का आवरण ही पर्यावरण है जो हमें प्रकृति से प्राप्त होता है। हमारा पर्यावरण मुख्यत: तीन भागों में विभक्त है, स्थलमण्डल, जलमण्डल और वायुमण्डल।वे परिस्थितियां जो इनके घटकों में असंतुलन पैदा कर देती हैं,वहीं से प्रदूषण का जन्म होता है। इस विषम परिस्थिति का सरलतम और योग्यतम हल यज्ञ है। महर्षि दयानन्द सरस्वती कहते हैं कि होम करना अत्यावश्यक है। जब तक होम करने का आम चलन रहा, तब तक भारत रोगों से रहित और सुखों से पूरित था। यज्ञ के सम्पन्न होने से वातावरण माधुर्य-गुणयुक्त हो जाता है।
डॉक्टर देव शर्मा वेदालंकार ने कहा कि पर्यावरण को शुद्ध करने के लिए यज्ञ के साथ-साथ वृक्ष भी लगाएं उन्होंने आगे कहा कि यज्ञ करने वाला व्यक्ति रोगी नहीं होता। पर्यावरण यज्ञ पर निर्भर करता है यदि हम इस और बढ़ेंगे तो हमारा जीवन स्वर्णिम होगा।
समारोह के मुख्य अतिथि तेजपाल आर्य ने कहा कि पंच महायज्ञ को अपने व्यवहार में लाकर प्राणी मात्र के कल्याण के कार्य करते हुए अपने जीवन को यज्ञमय बनाकर अपनी ऋषि परंपरा को आगे बढ़ाकर ही हम सभी का जीवन सुखमय हो सकता है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि सुरेश चावला, विशिष्ठ अतिथि के रूप में पधारे डा आर के आर्य ने भी अपने विचार रखे। मंच का कुशल संचालन यशस्वी मंत्री लक्ष्मण सिंह चौहान ने किया। समाज के प्रधान वीके धामा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से सर्वश्री सेवा राम त्यागी, वेद प्रकाश तोमर, राजेंद्र आर्य, श्रीपाल आर्य, हरवीर सिंह, सत्य पॉल आर्य, आशा रानी आर्य, बृजपाल गुप्ता, महिपाल सिंह तोमर, प्रेम पाल शर्मा, नरेन्द्र आर्य आदि उपस्थित रहे। शांतिपाठ एवं प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।