अमेजॉन प्राइम वीडियो पर रिलीज हुई फिल्म बवाल कैसी फिल्म है ? अभीष्ट चतुर्वेदी
आज अमेजॉन प्राइम वीडियो पर रिलीज हुई फिल्म बवाल कैसी फिल्म है इसके बारे में बात करते हैं.
कहानी यह है कि लखनऊ मे रह रहे एक हिस्ट्री स्कूल टीचर अजय दीक्षित एक स्वार्थी, चालाक और झूठा इंसान है जिसका यह मानना है की समाज में बढ़िया छवि ही सब कुछ है भले ही वह छवि झूठ की बुनियाद पर ही क्यों ना हो तो इस वजह से वह अपने आसपास के लोगों में एक बढ़िया लेकिन झूठी छवि खुद की बना लेता है, छवि के साथ साथ एक और कारण है जिसकी वजह से उसकी पत्नी निशा से भी उसके रिश्ते खराब है. एक दिन स्कूल में अजय के साथ कुछ ऐसा हो जाता है कि अजय निशा के साथ यूरोप जाने का मन बना लेता है ताकि यूरोप में हुए वर्ल्ड वॉर टू की जानकारी इकट्ठा कर सके. अब वह यह जानकारी इकट्ठा क्यों करना चाहता है, इस यूरोप ट्रिप का असर इन पति पत्नी पर क्या पड़ता है और वह क्या कारण है जिसकी वजह से अजय के उसकी पत्नी से रिश्ते खराब हैं यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी.
अगर इसकी कहानी की बात करें तो यह कहानी अश्विनी अय्यर तिवारी ने लिखी है और यह कहानी काफी अच्छी और नए प्रकार की है. हिंदी ऑडियंस के लिए इसके स्क्रीनप्ले और डायलॉग्स नितेश तिवारी, निखिल मेहरोत्रा, श्रेयस जैन और पीयूष गुप्ता ने लिखे है और यह स्क्रीनप्ले क्लास ऑडियंस को ज्यादा पसंद आएगा ना कि मासेज को और डायलॉग्स कहानी को बहुत अच्छी तरीके से सपोर्ट करते हैं. कुछ जगह ऑडियंस को डायलॉग्स खूब हसाएंगे भी और कुछ सींस में डायलॉग्स ऑडियंस को बहुत कुछ सोचने पर मजबूर कर देंगे.
नितेश तिवारी ने इस फिल्म का निर्देशन किया है और स्क्रिप्ट के हिसाब से काफी अच्छा निर्देशन किया है लेकिन यह उनके करियर का सबसे अच्छा निर्देशन नहीं है, इससे काफी बेहतर निर्देशन वो अपनी पिछली फिल्म्स में कर चुके हैं.
वरुण धवन ने अजय दीक्षित के किरदार को बहुत अच्छी तरीके से निभाया है, देखकर लगता है कि वह अपने किरदार में पूरा घुस चुके हैं. कुछ सींस में उनकी एक्टिंग आपको हँसाएगी और कुछ सींस में उनके किरदार से आपको काफी घृणा भी होगी. यह कहना गलत नहीं होगा कि यह वरुण धवन के कैरियर की सबसे अच्छी परफॉर्मेंसेज़ मैं से एक है.
जान्हवी कपूर ने अजय की पत्नी निशा का किरदार भी काफी अच्छे से निभाया हैं खासकर इमोशनल सींस में आपको इस किरदार पे काफी तरस भी आएगा.
इस फिल्म का संगीत ठीक-ठाक है पर ज्यादा कुछ खास नहीं और इसी वजह से रिलीज से पहले इस फिल्म का संगीत बहुत लोकप्रिय नही हो पाया जबकि कि इस प्रकार की फिल्म का संगीत बहुत अच्छा होना चाहिए था.
इसकी सिनेमैटोग्राफी बहुत खूबसूरती से की गई है. यह फिल्म यूरोपियन लोकेशंस जैसे पेरिस और बर्लिन आदि में शूट की गई है जिस वजह से इस फिल्म के दृश्य देखने में बहुत खूबसूरत लगते है.
इस फिल्म की एडिटिंग काफी प्रोफेशनल तरीके से की गई है जोहर जगह महसूस होता है. इस फिल्म को 2 घंटा 17 मिनट का रखा गया है जो कि बिल्कुल सही ड्यूरेशन है इस प्रकार की फिल्म के लिए.
तो बवाल एक अच्छी और एक बार देखने लायक फिल्म है, इसको तारीफ क्लास ऑडिएंस से ज्यादा मिलेगी ना की मासेज़ से, इसके निर्माताओं का इस फिल्म को सीधा डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रिलीज़ करने का फैसला बिल्कुल सही था क्योंकि अगर यह फिल्म थियटर मे आती तो यह फिल्म निर्माताओं की अपेक्षा के अनुरूप नही चल पाती.
लेखक:- अभीष्ट चतुर्वेदी (उम्र 21) एक पॉप कल्चर और मीडिया विश्लेषक हैं। उनका मुख्य ध्यान मनोरंजन, मीडिया, फिल्में, वेब सीरीज़ और डिजिटल सामग्री पर समीक्षा करना है।