Begin typing your search above and press return to search.
दुनिया

पाकिस्तान में धड़ाधड़ गिरते आतंकियों से खौफ में दहशतगर्द; हाफिज, अजहर, रहमान और सलाहुद्दीन भूमिगत

SaumyaV
25 Dec 2023 7:27 AM GMT
पाकिस्तान में धड़ाधड़ गिरते आतंकियों से खौफ में दहशतगर्द; हाफिज, अजहर, रहमान और सलाहुद्दीन भूमिगत
x

पाकिस्तान में लगातार मारे जा रहे आतंकियों के पीछे की कहानी कुछ और ही है। मौजूदा वक्त में पाकिस्तान, गहरे आर्थिक संकट से गुजर रहा है। ऐसे में वह अब उन आतंकी संगठनों का खर्च वहन नहीं कर सकता, जिनका वह दशकों से इस्तेमाल करता आ रहा था। 'ग्रे' सूची से बाहर रहने और पुराने आतंकियों पर हो रहे खर्च से बचने के लिए अब वहां पर आतंकियों का खात्मा किया जा रहा है |

पाकिस्तान में बैठे भारत के टॉप मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों और उनके सहयोगियों के धड़ाधड़ गिरने का सिलसिल खत्म नहीं हो पा रहा है। यहां पर बड़ी बात ये है कि अब कुछ दिनों से पाकिस्तान में सक्रिय 'ए' ग्रेड आतंकी, अज्ञात हमलावरों की गोली का निशाना बन रहे हैं। दिसंबर माह में ही पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठन 'लश्कर-ए-तैयबा' (एलईटी) के कई बड़े चेहरे खत्म हो चुके हैं। इनमें 'ए' ग्रेड दहशतगर्द हबीबुल्लाह उर्फ भोला खान, जिसे एलईटी प्रमुख हाफिज सईद का करीबी रिश्तेदार बताया जाता है, धन जुटाने के लिए जिम्मेदार हाजी उलमर गुल और एलईटी का टॉप ट्रेनर अब्दुल्ला शहीन उर्फ 'जिहादी गुरु' शामिल है।

इंटेल एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान में धड़ाधड़ गिरते दहशतगर्दों से विभिन्न संगठनों के प्रमुख दहशत में आ गए हैं। बताया जा रहा है कि वे सभी प्रमुख, अब भूमिगत हो चुके हैं। इनमें हाफिज सईद, सैयद सलाहुद्दीन, मसूद अजहर, अब्दुल रहमान मक्की और जफर इकबाल आदि शामिल हैं। खास बात है कि इन सभी को पाकिस्तान में सुरक्षा प्रदान की गई है।

जिहादी गुरु, हबीबुल्लाह और गुल का हुआ खात्मा

बता दें कि पाकिस्तान में इस माह 'लश्कर-ए-तैयबा' (एलईटी) से जुड़े कई दहशतगर्द मारे गए हैं। बीते दिनों ही 'लश्कर-ए-तैयबा' (एलईटी) का 'ए' ग्रेड दहशतगर्द हबीबुल्लाह उर्फ भोला खान को अज्ञात हमलावरों ने अपनी गोली का निशाना बनाया था। भोला खान को 'लश्कर-ए-तैयबा' के लिए आतंकियों की भर्ती का काम सौंपा गया था। उसे वैश्विक आतंकी और एलईटी प्रमुख हाफिज सईद का करीबी रिश्तेदार बताया जाता है।

लश्कर-ए-तैयबा संगठन के लिए धन एकत्रित करने की जिम्मेदारी हाजी उलमर गुल को सौंपी गई थी। उसे भी एलईटी प्रमुख हाफिज सईद का करीबी बताया जाता है। अज्ञात हमलावरों ने टैंक (पाकिस्तान) में गुल और उसके दो सहयोगियों को गोली मार दी थी। गुल, पाकिस्तान के पिछड़े इलाकों में लोगों को धमकी देकर धनराशि एकत्रित करता था।

इसके बाद लश्कर-ए-तैयबा का टॉप ट्रेनर अब्दुल्ला शहीन को इसी सप्ताह अज्ञात हमलावर ने कसूर (पाकिस्तान) में गोली मार दी। शहीन की मौके पर ही मौत हो गई। उसे आतंकी समूहों के बीच 'जिहादी गुरु' नाम से पहचाना जाता था।

तो इसलिए हो रहा आतंकियों का खात्मा

केंद्रीय एजेंसियों के सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान में कई आतंकी संगठन, वैश्विक हैं। उन्हें यूएनओ की वैश्विक आतंकियों की सूची में शामिल किया गया है। गत वर्ष अक्तूबर में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की 'ग्रे' सूची से पाकिस्तान, बाहर आ गया था। दुनिया को दिखाने के लिए पाकिस्तान ने कुछ टॉप आतंकियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की बात कही।

सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान में लगातार मारे जा रहे आतंकियों के पीछे की कहानी कुछ और ही है। मौजूदा वक्त में पाकिस्तान, गहरे आर्थिक संकट से गुजर रहा है। ऐसे में वह अब उन आतंकी संगठनों का खर्च वहन नहीं कर सकता, जिनका वह दशकों से इस्तेमाल करता आ रहा था। 'ग्रे' सूची से बाहर रहने और पुराने आतंकियों पर हो रहे खर्च से बचने के लिए अब वहां पर आतंकियों का खात्मा किया जा रहा है। दूसरी तरफ, कम खर्च पर युवा दहशतगर्दों की भर्ती की जा रही है। खास बात है कि पाकिस्तान में मौजूद टॉप दहशतगर्द, जो खुद को अभी तक महफूज समझ रहे थे, अब वे भी भूमिगत हो गए हैं।

पर्दे के पीछे का सच, दुनिया जानती है

सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान में इस साल 'जैश-ए-मोहम्मद' 'डी कंपनी', 'लश्कर ए तैयबा', हिजबुल मुजाहिदीन, लश्कर-ए-जब्बर और लश्कर-आई-जांगवी सहित कई आतंकी संगठनों से जुड़े कई दहशतगर्द मारे जा चुके हैं। मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर जकी-उर-रहमान लखवी को दो वर्ष पहले पाकिस्तान की एक अदालत ने टेरर फंडिंग केस में 15 साल कैद की सजा सुनाई थी। भारत के विदेश मंत्रालय ने इसे हास्यास्पद बताया था।

पाकिस्तान, एफएटीएफ की बैठक के भय से इस तरह के कदम उठाता रहता है। पर्दे के पीछे का सच, दुनिया जानती है। 'लश्कर ए तैयबा' के प्रमुख और वैश्विक आतंकी हाफिज सईद को भी पाकिस्तान की अदालत से 31 साल की सजा सुनाई थी। कई बार ऐसे प्रमाण सामने आते रहे हैं, जिनसे इन दोनों आतंकियों के जेल में होने पर संदेह होता है। इन्हें अतिरिक्त सुरक्षा मुहैया कराने की बात कही गई है, लेकिन अब ये टॉप आतंकी भी खुद को असुरक्षित मानने लगे हैं।

क्या शीर्ष आतंकियों का है अगला नंबर?

हिजबुल मुजाहिदीन का प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन को अमेरिका ने ग्लोबल टेररिस्ट सूची में डाल रखा है। कुछ समय से सलाहुद्दीन भी भूमिगत हो चुका है। इसे पाकिस्तान में बुलेटप्रूफ वाहन और सिक्योरिटी पर्सन दिए गए हैं। 1993 के मुंबई बम धमाकों का आरोपी, वैश्विक आतंकी दाऊद इब्राहिम को भी कराची में हाई सिक्योरिटी प्रदान की गई है। भारत सरकार ने कराची में इसकी मौजूदगी के कई सबूत पाकिस्तान को सौंपे, मगर वहां की सरकार ने इन्हें मानने से इनकार कर दिया। जैश-ए-मुहम्मद का संचालक मसूद अजहर को भी पाकिस्तान में सुरक्षा दी गई है। पाकिस्तान में मौजूद हाफिज सईद के रिश्तेदार और वैश्विक आतंकी अब्दुल रहमान मक्की और जफर इकबाल को भी सुरक्षा घेरे में रखा जा रहा है।

आतंकियों के खात्मे के पीछे का राज

सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठनों के शीर्ष पर बैठे लोगों पर हमला नहीं हो रहा है। अगर उनमें से कथित तौर पर कोई जेल में भी है, तो उसे हाई सिक्योरिटी मुहैया कराई गई है। आतंकियों के खात्मे के पीछे पाकिस्तानी आईएसआई का हाथ है। वजह, इन आतंकियों पर भारी भरकम राशि खर्च होती है। मौजूदा समय में पाकिस्तान की आर्थिक हालत किसी से छिपी नहीं है। आतंकियों का खात्मा कर, पाकिस्तान एक तीर से कई निशाने साध रहा है। वह दुनिया को यह बताना चाहता है कि उसने अपनी जमीं पर आतंकियों का खात्मा कर दिया है। ऐसे में वह अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से आर्थिक सहायता लेने का प्रयास कर सकता है। दूसरा, लंबे समय तक 'ग्रे' सूची से बाहर रह सकता है। तीसरा, उक्त दोनों प्वाइंट की आड़ में पाकिस्तान, अब कम खर्च पर नए आतंकियों को तैयार कर सकता है। पुराने आतंकियों के मुकाबले, दहशतगर्दों की नई भर्ती पर उसे ज्यादा खर्च नहीं करना पड़ेगा।

अभी तक मारे जा चुके हैं ये आतंकी

पाकिस्तान के कराची में अज्ञात हमलावरों ने हंजला अदनान को कई गोलियां मारी थी। अदनान की मौत को 'लश्कर-ए-तैयबा' चीफ, हाफिज साईद के लिए एक बड़ा झटका बताया गया। भारत के मुखर आलोचक रहे मलिक असलम वजीर की एक ब्लास्ट के जरिए हत्या कर दी गई थी। यह घटना, पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्र में साउथ वजीरीस्तान के दाजा घुंडई इलाके में हुई थी। वजीर के साथ उसका बेटा और एक अन्य व्यक्ति भी मारा गया था। वजीर के जहरीले भाषणों से आतंकियों की भर्ती की जाती थी। 'जैश-ए-मोहम्मद' का सरगना 'मौलाना मसूद अजहर' का करीबी 'मौलाना रहीम तारिक उल्ला' 13 नवंबर को कराची में अज्ञात हमलावरों की गोली का निशाना बना था। उससे पहले 'लश्कर ए तैयबा' प्रमुख हाफिज सईद का करीबी 'अकरम खान उर्फ अकरम गाजी' भी पाकिस्तान के बाजापुर में अज्ञात हमलावरों द्वारा मार दिया गया। पाकिस्तान में मुजफ्फराबाद की अथमुकाम तहसील में कुछ दिन पहले ही ख्वाज शाहिद उर्फ मियां मुजाहिद मारा गया था। जम्मू कश्मीर में 2018 के दौरान सेना के सुंजवान कैंप पर हुए आतंकी हमले का मास्टर माइंड ख्वाज शाहिद बताया गया था।

दाऊद मलिक से लेकर अब्दुल भट्टावी तक

पाकिस्तान में भारत के मोस्ट वॉन्टेड आतंकी दाऊद इब्राहिम की 'डी कंपनी' का गुर्गा मोहम्मद सलीम मारा गया था। उसका शव, दरगाह अली शाह सखी सरमस्त के निकट ल्यारी नदी में पड़ा हुआ था। दाऊद मलिक, जिसे वैश्विक आतंकी संगठन 'जैश-ए-मोहम्मद' के सरगना मसूद अजहर का करीबी बताया जा रहा था, वह भी पाकिस्तान के उत्तरी वजीरीस्तान में मारा गया था। पठानकोट हमले का मास्टर माइंड शाहीद लतीफ के अलावा आईएसआई का एजेंट मुल्ला बाहौर उर्फ होर्मुज की हत्या कर दी गई थी। 'जैश-ए-मोहम्मद' के सरगना मसूद अजहर का करीबी दाऊद मलिक, शाहिद लतीफ, बशीर अहमद पीर उर्फ इम्तियाज, अबु कासिम, परमजीत सिंह पंजवड़, जहूर मिस्त्री, खालिद रजा और अब्दुल सलाम भट्टावी जैसे आतंकी पाकिस्तान में मारे जा चुके हैं।


Next Story