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उत्तराखंड में आईटीआई करने वाले युवाओं को अब 10वीं और 12वीं कक्षा अलग से पास नहीं करनी होगी। 10वीं पास युवाओं को 12वीं उत्तीर्ण और आठवीं को 10वीं पास के समकक्ष माना जाएगा। युवाओं को इसके लिए केवल हिंदी का पेपर देना होगा। कैबिनेट में प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। प्रस्ताव में कहा गया है कि इसके लिए विद्यालयी शिक्षा के एक्ट में बदलाव किया जाएगा।
सरकार ने मान्यता प्राप्त औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त आठवीं पास अभ्यर्थियों को उत्तराखंड बोर्ड की 10वीं एवं 10वीं पास को 12वीं समकक्षता प्रदान करने के लिए उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा विनियम 2009 में संशोधन का निर्णय लिया है। कैबिनेट में आए प्रस्ताव में कहा गया कि आईटीआई से दो साल एवं इससे अधिक का प्रशिक्षण पूरा करने वाले युवाओं को अब अलग से उत्तराखंड बोर्ड की 10 वीं और 12 वीं की परीक्षा पास नहीं करनी होगी।
अलग से परीक्षा की वजह से अधिक समय लगता है। इससे युवाओं के मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इस समस्या को देखते हुए ऐसे छात्र-छात्राएं जो आईटीआई से दो साल या इससे अधिक का प्रशिक्षण पूरा करने के बाद एनसीवीटी का प्रमाण पत्र प्राप्त कर चुके हों, उन्हें केवल हिंदी विषय की परीक्षा व्यक्तिगत परीक्षार्थी के रूप में पास करनी होगी।