प्रदेश के मैदानी इलाकों में आज भी घना कोहरा छाया रहेगा। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से देहरादून समेत ऊधमसिंह नगर, पौड़ी, हरिद्वार और नैनीताल जिले में घना कोहरा छाने का येलो अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम के बदलते पैटर्न से इस साल विंटर बारिश न होने की वजह से बर्फबारी नहीं हुई है। बीते दो दिनों से विंड चिल इफेक्ट के सक्रिय होने से ठिठुरन बढ़ गई है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि आने वाले कुछ दिनों तक भी बारिश-बर्फबारी के आसार नहीं है। ऐसे में पहाड़ों में पाला तो मैदानी इलाकों में घना कोहरा छाने से प्रदेश भर में लोगों को ठंड सताएगी।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि उत्तर पश्चिमी हवाओं के चलने से विंड चिल इफेक्ट सक्रिय हुआ है। यही वजह है कि पहाड़ से लेकर मैदान तक बिना बारिश-बर्फबारी के ठिठुरन बढ़ गई है। विंड चिल इफेक्ट की वजह से तेजी से तापमान गिरता है। ऐसे में जब व्यक्ति ठंड में बाहर खड़ा होता है तो उसके शरीर से गर्मी खत्म होने लगती है।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया, विंड चिल इफेक्ट का सीधा असर तापमान पर पड़ता है। शीतलहर चलने से बारिश-बर्फबारी जैसी ठंड महसूस होती है। बारिश-बर्फबारी की बात करें तो अगले छह दिन तक बारिश होने की कोई संभावना नहीं है। बारिश होने के बाद ही ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी होने की संभावना है।
आज भी छाया रहेगा घना कोहरा
प्रदेश के मैदानी इलाकों में आज भी घना कोहरा छाया रहेगा। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से देहरादून समेत ऊधमसिंह नगर, पौड़ी, हरिद्वार और नैनीताल जिले में घना कोहरा छाने का येलो अलर्ट जारी किया गया है। उधर पहाड़ी इलाकों में पाला पड़ने से शीत दिवस की स्थिति रहने की संभावना है।
बर्फबारी के लिए बारिश का होना जरूरी
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि बर्फबारी होने के लिए बारिश का होना जरूरी है। बारिश से तापमान में कमी आती है और तापमान शून्य होने के बाद ही बर्फबारी होती है। लेकिन इस साल विंटर बारिश नहीं होने की वजह से बर्फबारी नहीं हो रही है।