हजारों कर्मचारी लंबे समय से प्रमोशन में शिथिलीकरण की मांग कर रहे थे। कैबिनेट के फैसले से हजारों कर्मचारियों की मुराद होने जा रही है।
प्रदेश मंत्रिमंडल ने कर्मचारियों को पूरे सेवाकाल में एक बार के लिए प्रमोशन के मानकों में छूट देने का फैसला किया है। इसके लिए कार्मिक विभाग को अर्हकारी सेवा में शिथिलीकरण (संशोधन) नियमावली को एक जुलाई से 2023 से 30 जून तक के लिए प्रभावी कर दिया गया है।
कैबिनेट के इस फैसले से हजारों कर्मचारियों की मुराद होने जा रही है। वे लंबे समय से प्रमोशन में शिथिलीकरण की मांग कर रहे थे। कर्मचारी संगठनों के स्तर पर ये मांग उठाई जा रही थी। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अरुण पांडेय ने मंत्रिमंडल के फैसले पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार प्रकट किया है।
उन्होंने कहा, सरकार के इस फैसले को यदि प्रभावी ढंग से लागू किया गया तो करीब 10 हजार कर्मचारियों की प्रमोशन की मुराद पूरी हो जाएगी। बता दें कि विभागों में बड़ी संख्या ऐसे कर्मचारी हैं जिनकी अगली पदोन्नति के पद खाली हैं, लेकिन मौजूदा पद पर प्रमोशन के जितने वर्ष की सेवा उन्हें पूरी करनी है, वह अभी बाकी है। अब उन्हें प्रमोशन के लिए मानकों में छूट मिल जाएगी।
धन्यवाद पर लाभ मिलना मुश्किल होगा : नौटियाल
मिनिस्टीरियल फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष पूर्णानंद नौटियाल ने भी मुख्यमंत्री का भार जताया, लेकिन साथ ही यह आशंका भी जताई कि जून 2024 तक इसे लागू करने पर कर्मचारियों को इसका लाभ मिल पाना मुश्किल होगा। पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू होते ही लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो जाएगी। इससे पदोन्नति के लिए कम समय मिलेगा। सरकार को इसे जून 2025 तक लागू करे।