Begin typing your search above and press return to search.
उत्तराखंड

Uttarkashi Tunnel Collapse: टनल में फंसीं 40 जिंदगियां... अब 900 MM की स्टील पाइप डालकर निकालने का प्रयास

Abhay updhyay
14 Nov 2023 6:19 AM GMT
Uttarkashi Tunnel Collapse: टनल में फंसीं 40 जिंदगियां... अब 900 MM की स्टील पाइप डालकर निकालने का प्रयास
x

उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सुरंग में हुए भूस्खलन के बाद बचाव अभियान तीसरे दिन में प्रवेश कर गया है। निर्माणाधीन टनल में हुए भूस्खलन के बाद फंसे मजदूरों को निकालने के लिए बचाव अभियान तेजी से चल रहा है। अब ऑगर ड्रिलिंग मशीन मंगाई है, यह मशीन मलबे में 900 मिमी स्टील पाइप लगाएगी। इन 900 मीटर के पाइप के जरिए सुरंग में फंसे हुए मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकलना जाएगा।

900 मिमी व्यास के पाइप घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। इसके साथ ही ऑगर ड्रिलिंग मशीन भी साइट पर पहुंच गई है। ऑगर मशीन के लिए प्लेटफार्म तैयार कर लिया गया है। ऑगर ड्रिलिंग मशीन की स्थापना का काम तेजी से चल रहा है।

आपको बता दें कि निर्माणाधीन सुरंग में ऊपर से लगातार गिर रही मिट्टी बचाव अभियान में रुकावट पैदा कर रही है। ऐसे में अब पाइप डाला जाएगा, ताकि मलबे को रोका जा सके। मशीन खुदाई करके पाइप डालेगी। माना जा रहा है कि इस अभियान में 24 घंटे का समय लग सकता है।

सुरंग का दौरा करने के बाद सचिव आपदा प्रबंधन रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा था कि फंसे हुए मजदूरों को मंगलवार रात या बुधवार तक बचाया जा सकता है। बचाव दल लगातार मलबा हटा रहा है। अब मलबे के ढेर में सुरंग तैयार करके पाइप डाला जाएगा। इसके जरिए मजदूरों को निकाला जाएगा।

रंजीत कुमार सिन्हा ने सुरंग के अंदर भूस्खलन का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि सुरंग के अंदर सभी मजदूर सुरक्षित हैं जिन्हें पाइपलाइन के जरिए खाना, पानी और ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है।

बीते रविवार से निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन के बाद से 40 मजदूर सुरंग के अंदर हैं। घटना के दूसरे आपदा प्रबंधन सचिव डॉ. सिन्हा ने मौके पर पहुंचकर वस्तु स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि जहां पर भूस्खलन हुआ है वहां पर सॉफ्ट रॉक है जिसके चलते भूस्खलन हुआ है।

वहीं जेसीबी व अन्य मशीनों से मलबा हटाने का काम जारी है। जिस स्थान पर मजदूर हैं वहां करीब पांच से छह दिन के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन है। इसके अलावा पाइपलाइन से भी ऑक्सीजन भेजी जा रही है।

बचावकर्मियों ने कहा कि फंसे हुए 40 मजूदरों के पास तक पहुंचने के लिए टीमों को अभी भी लगभग 35 मीटर से अधिक मलबा साफ करना होगा। रेस्क्यू ऑपरेशन को चलते हुए करीब 52 घंटे से अधिक का समय हो गया है।

यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सुरंग में 12 घंटे की शिफ्ट खत्म कर मजदूर रविवार सुबह करीब आठ बजे दीपावली की छुट्टी मनाने के लिए जाने ही वाले थे लेकिन ढाई घंटे पहले ही 5:30 बजे सुरंग के सिलक्यारा वाले मुहाने से करीब 250 मीटर आगे 35 मीटर हिस्से में भूस्खलन हो गया।

सुरंग में उस वक्त 45 मजदूर थे। मलबा धीरे-धीरे गिरता देख पांच मजदूर तो बाहर भाग गए लेकिन 40 सुरंग में ही फंस गए। दरअसल, चारधाम सड़क परियोजना के तहत यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन 4.5 किमी सुरंग का निर्माण कार्य अब करीब 500 मीटर शेष रह गया है जिसका निर्माण यहां मजदूर दो शिफ्ट में कर रहे हैं।

बीते शनिवार रात आठ बजे शिफ्ट शुरू हुई थी जिसमें 45 मजदूर काम पर गए थे। यह शिफ्ट रविवार बड़ी दीपावली के दिन सुबह आठ बजे खत्म होने वाली थी। इसके बाद सभी मजदूर साथियों के साथ दीपावली की छुट्टी मनाते लेकिन इससे पहले ही सुरंग के सिलक्यारा वाले मुहाने से करीब 230 मीटर अंदर सुरंग टूट गई।

पहले धीरे-धीरे मलबा गिरा जिसे सभी ने हल्के में लिया। फिर अचानक भारी मात्रा में मलबा आया और सुरंग बंद हो गई।

इस दौरान पांच मजदूर भागते हुए बाहर आ गए और बाकी 40 मजदूर सुरंग के अंदर ही फंस गए। सुरंग के निर्माण कार्य में लगे झारखंड निवासी मजदूर हेमंत नायक ने बताया कि 12 घंटे की शिफ्ट में करीब 65 से 70 मजदूर काम करते हैं।

शनिवार रात को कम मजदूर काम करने के लिए गए थे जिनकी शिफ्ट रविवार सुबह आठ बजे खत्म होने वाली थी लेकिन ढाई घंटे पहले करीब 5:30 बजे सुरंग में हादसा हो गया।

सुरंग में रात-दिन दो शिफ्ट में काम चल रहा था जिसमें दिन की शिफ्ट सुबह 8 से रात 8 बजे तक और फिर रात की शिफ्ट रात 8 बजे से सुबह 8 बजे तक चलती थी। शिफ्ट में चार कंपनी के अलग-अलग मजदूर कार्य करते हैं। इनमें नवयुगा, श्री साईं कंस्ट्रक्शन, नव दुर्गा आदि शामिल हैं।

Abhay updhyay

Abhay updhyay

    Next Story