बैठक में निराश्रित गोवंश को शरण दिलाने, क्रूरता निवारण के लिए नियमों का शक्ति से अनुपालन करने, रात को अंधेरे में गोवंशों को जंगलों में छोड़े जाने का आकलन करके कार्रवाई के लिए कहा गया। गोशाला में शरणागत गोवंश की स्थितियां, समस्या को सुनने के लिए आयोग ने हर महीने की 30 तारीख निर्धारित की है।
रात के अंधेरे में लोग गोवंश को जंगल में छोड़ रहे हैं। गोसेवा आयोग ने इसका संज्ञान लेते हुए सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। वहीं, सड़कों पर गोवंश छोड़ने वालों पर भी चालान की कार्रवाई करने को कहा है।
मंगलवार को उत्तराखंड गोसेवा आयोग के अध्यक्ष पंडित राजेंद्र अन्थवाल की अध्यक्षता में सामान्य कार्यकारिणी की बैठक हुई। सचिव पशुपालन डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम, निदेशक पशुपालन डॉ. बीसी कर्नाटक भी शामिल हुए। निराश्रित, बेसहारा गोवंश को आश्रय उनके भरण पोषण एवं संरक्षण और बीमारियों से बचाव चिकित्सा व्यवस्था को सुनिश्चित किए जाने के संबंध में गाइडलाइन और समय सारणी तय की गई |
इसमें निराश्रित गोवंश को शरण दिलाने, क्रूरता निवारण के लिए नियमों का शक्ति से अनुपालन करने, रात को अंधेरे में गोवंशों को जंगलों में छोड़े जाने का आकलन करके कार्रवाई के लिए कहा गया। गोशाला में शरणागत गोवंश की स्थितियां, समस्या को सुनने के लिए आयोग ने हर महीने की 30 तारीख निर्धारित की है।
नर्सरी की स्थापना के संबंध में चर्चा
गोशालाओं में विभिन्न मदों में व्यय वित्तीय वर्ष के अंतर्गत आय धनराशि की स्थिति स्पष्ट की गई। खाली पड़ी भूमि को वन विभाग के सहयोग से चारा एवं पत्तीदार वृक्ष का रोपण पशुपालन विभाग के सहयोग से नर्सरी की स्थापना के संबंध में चर्चा हुई।
राज्य में गोवंश अपराध पर प्रभावी रोक लगाने के लिए गोवंश संरक्षण स्क्वाड की समीक्षा में जनपद और थाना स्तर पर कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए गए। सड़कों पर छोड़े जाने वाले गोवंश के पशु स्वामी के खिलाफ पुलिस, नगर निकाय संयुक्त रूप से पशुपालन विभाग के सहयोग से पहचान कर चालान की कार्रवाई करेंगे।
शहरी विकास विभाग शहरी क्षेत्र में और पंचायती राज विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में नए गोशालाओं एवं गोसदनों की बजट की व्यवस्था सुनिश्चित करेगा। आयोग के सदस्य भी अपने क्षेत्र के गोवंश से संबंधित समस्याएं जिलाधिकारी व आयोग के संज्ञान में जाएंगे।