उत्तराखंड: जीएसटी चोरी मामले में राज्य कर विभाग की बड़ी कार्रवाई, दून-हरिद्वार की नौ फार्मा कंपनियों पर छापेमारी
जांच में पता चला कि फार्मा कंपनियों की ओर से ई-वे बिल में दिल्ली से पैकेजिंग सामग्री की सप्लाई दिखाई गई थी। इसमें दिल्ली से ऑटो में 30 लाख का माल परिवहन दिखाया गया। विभाग ने कंपनियों का 2.43 करोड़ का आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) रोक दिया है। साथ ही बैंक खातों को भी फ्रीज कर दिया गया है.राज्य कर विभाग ने जीएसटी चोरी करने वाली फार्मा कंपनियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। सेंट्रल इंटेलिजेंस यूनिट (सीआईयू) ने देहरादून, हरिद्वार और रूड़की में नौ फार्मा कंपनियों पर छापेमारी की है. इनमें से चार कंपनियां फर्जी निकलीं. प्रारंभिक कार्रवाई में 6.4 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का खुलासा हुआ है.फार्मा कंपनियों ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए 30 लाख का टैक्स जमा कर दिया है. विभाग ने कंपनियों का 2.43 करोड़ का आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) रोक दिया है। साथ ही बैंक खातों को भी फ्रीज कर दिया गया है. राज्य कर आयुक्त एवं अपर सचिव अहमद इकबाल ने बताया कि शनिवार को विभाग की सीआईयू टीम ने जीएसटी चोरी करने वाली फार्मा मैन्युफैक्चरिंग एवं ट्रेडिंग कंपनियों पर छापेमारी की.
दस्तावेजों में माल परिवहन का कोई प्रमाण नहीं मिला
इस कार्रवाई में देहरादून, हरिद्वार और रूड़की की तीन-तीन कंपनियों के टैक्स संबंधित दस्तावेजों की गहनता से जांच की गई. जीएसटी में रजिस्टर्ड चार कंपनियां सिर्फ कागजों पर चल रही हैं। फर्जी कंपनियों के नाम पर बिल बनाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाकर सरकार को राजस्व का चूना लगाया जा रहा था.कंपनियों ने दिल्ली, गुजरात और मध्य प्रदेश की कंपनियों से दवाइयों की पैकेजिंग सामग्री और अन्य सामान की आपूर्ति दिखाई है। दस्तावेजों में माल परिवहन का कोई प्रमाण नहीं मिला. जिस फर्म के नाम पर माल सप्लाई के बिल बनाए जा रहे थे उसका गुजरात में कोई कारोबार नहीं मिला।
दिल्ली से ऑटो में दिखाया गया 30 लाख का माल परिवहन
जांच में पता चला कि फार्मा कंपनियों की ओर से ई-वे बिल में दिल्ली से पैकेजिंग सामग्री की सप्लाई दिखाई गई थी। इसमें दिल्ली से ऑटो में 30 लाख का माल परिवहन दिखाया गया। इतनी बड़ी मात्रा में सामान को ऑटो में ले जाना संभव नहीं है। इसके अलावा जिस ई-वे बिल में दिल्ली से माल उत्तराखंड दिखाकर दूसरे राज्यों में माल भेजा जाता था।
स्क्रब बिजनेस कंपनी मेडिकल सामान की सप्लाई करती है
राज्य कर विभाग की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि फार्मा कंपनियों ने जिस कंपनी से दिल्ली में मेडिकल सामान की आपूर्ति दिखाई है, वह कंपनी स्क्रब का कारोबार करती है। स्क्रैप का कारोबार करने वाली कंपनी दवाओं और अन्य वस्तुओं की पैकेजिंग कैसे कर सकती है? इन सभी मामलों की विभाग जांच कर रहा है.|