उत्तराखंड समाचार: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने दस दिन में जेल विकास बोर्ड के गठन का आदेश दिया
राज्य की जेलों में सीसीटीवी, रहने की व्यवस्था और अन्य सुविधाओं को लेकर दायर याचिका पर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को 10 दिनों के भीतर जेल विकास बोर्ड बनाने के आदेश पारित किए हैं. सरकार की ओर से प्रमुख सचिव गृह, वित्त एवं राजस्व, सचिव न्याय, डीजीपी, डीजी जेल दो व्यक्तियों में से एक महिला को नामित कर कोर्ट को सूचित करें.मामले पर अगली सुनवाई 23 अगस्त को होगी. गुरुवार को संतोष उपाध्याय व अन्य की जनहित याचिकाओं पर मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में एक साथ सुनवाई हुई.
जेल बनाई जा रही है
इस दौरान सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि राज्य में कई नये जेल बनाये जा रहे हैं. पिथौरागढ में जेल का निर्माण हो चुका है। उधम सिंह नगर जेल का कार्य 43 प्रतिशत तथा हल्द्वानी का 55 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। जेल में अनुबंध के आधार पर चिकित्सक एवं मनोवैज्ञानिक की नियुक्ति की जायेगी. कोर्ट ने जेलों का निर्माण कार्य पूरा करने का निर्देश दिया।
ये याचिकाएं हैं
याचिकाओं में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में एक आदेश जारी कर सभी राज्यों को अपनी जेलों में सीसीटीवी लगाने, बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने और राज्य मानवाधिकार आयोगों में खाली पड़े पदों को भरने को कहा था। लेकिन कई साल बीत जाने के बाद भी सरकार ने इस आदेश का पालन नहीं किया. याचिकाकर्ताओं ने हाई कोर्ट से सरकार को सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का पालन करने का निर्देश देने का आग्रह किया है.
क्षमता से ज्यादा कैदी
सरकार की ओर से हाईकोर्ट में बताया गया कि जेलों में क्षमता से ज्यादा कैदी हैं. हरिद्वार जेल में 870 की तुलना में 1400 कैदी हैं, रूड़की जेल में 244 की तुलना में 625 कैदी हैं, देहरादून में 580 की तुलना में 1491 कैदी हैं।