उत्तराखंड लक्सर बाढ़: हरिद्वार का लक्सर लंबे समय से झेल रहा है बाढ़ का कहर, लोग कर रहे मदद का इंतजार
एक सप्ताह से अधिक समय से बाढ़ की मार झेल रहे लक्सर क्षेत्र को अभी तक बाढ़ग्रस्त क्षेत्र घोषित नहीं किया गया है। जिससे क्षेत्र के लोगों में काफी आक्रोश है। इलाके के लोगों के लिए बाढ़ की विभीषिका झेलने का यह पहला मौका नहीं है. वे लंबे समय से बरसात के मौसम में बाढ़ की विभीषिका झेल रहे हैं. लेकिन सरकार और प्रशासन के नुमाइंदों को ये सब शायद अभी तक नजर नहीं आया है.परिस्थिति आने पर बड़े-बड़े दावे जरूर किए जाते हैं। लेकिन बारिश का मौसम खत्म होते ही सारे दावे हवा हो जाते हैं। लक्सर तहसील क्षेत्र के लोग लंबे समय से बाढ़ का कहर झेल रहे हैं. गंगा और सोलानी नदी पर तटबंध बनने के बाद इलाके के लोगों को बाढ़ से कुछ राहत मिली. लेकिन क्षेत्र में आधे-अधूरे बने तटबंधों की मरम्मत नहीं होने और लगातार हो रहे अवैध खनन के कारण क्षेत्र के लोग आज भी बाढ़ का दंश झेलने को मजबूर हैं.
उत्तराखंड राज्य बनने से पहले से ही लोग बाढ़ का सामना कर रहे हैं
हर बार बारिश के मौसम में लोगों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है. नुकसान की भरपाई के नाम पर उन्हें जो मुआवजा मिलता है। इससे आधे नुकसान की भी भरपाई नहीं हो पाती. वैसे तो यहां के लोग उत्तराखंड राज्य बनने से पहले से ही बाढ़ की विभीषिका झेलते आ रहे हैं। लेकिन उत्तराखंड बनने के बाद भी यहां के लोगों को पूरी राहत नहीं मिल पाई है.जिससे क्षेत्र के लोगों में सरकार व प्रशासन के नुमाइंदों के खिलाफ काफी आक्रोश है. खानपुर विधायक उमेश कुमार का कहना है कि वह पहले से ही इलाके को बाढ़ग्रस्त घोषित करने की मांग करते रहे हैं. इसके लिए मुख्यमंत्री को भी पत्र भेजा गया है।
बाढ़ से सबकुछ नष्ट हो गया
बाढ़ के कारण इलाके का हाल बुरा है. लोगों को भारी नुकसान हो रहा है. वे लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं. दोबारा मुख्यमंत्री से मिलकर क्षेत्र को बाढ़ग्रस्त घोषित करने की मांग करेंगे। लक्सर विधायक मोहम्मद शहजाद का कहना है कि लक्सर और खानपुर क्षेत्र में बाढ़ के कारण लोगों का सब कुछ तबाह हो गया है. जिसका आंकलन करना मुश्किल है.कुछ लोगों के पास तो कुछ समय के लिए भोजन की व्यवस्था भी नहीं बची है. उन्होंने मुख्यमंत्री से लक्सर क्षेत्र को बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र घोषित करने की मांग की। लेकिन अभी तक क्षेत्र को बाढ़ग्रस्त घोषित नहीं किया गया है. मुख्यमंत्री से मिलकर फिर मांग करेंगे.