उत्तराखंड: अक्टूबर से फिर भारी बिजली संकट की आशंका, सरकार की कोशिश केंद्र से अनावंटित कोटा जारी रखने की
प्रदेश को केंद्र से मिलने वाली बिजली का अनावंटित कोटा अब खत्म होने की कगार पर है। इससे अक्टूबर और उसके बाद के महीनों में राज्य में गंभीर बिजली संकट की आशंका गहरा गयी है. वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार इस संकट को खत्म करने की कोशिश में जुट गई है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने तीन दिवसीय दिल्ली दौरे के दौरान केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह से इस संबंध में बातचीत करेंगे. दरअसल, बीते दिनों बिजली की कमी पर सीएम धामी की कोशिशों के बाद केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय की ओर से बड़ी राहत मिली है. अब केंद्र का अनावंटित कोटा समाप्त होने वाला है।
सीएम केंद्रीय ऊर्जा मंत्री से मिलेंगे.
अक्टूबर से राज्य में 300 से 400 मेगावाट बिजली की कमी होने की संभावना है. इसके चलते प्रदेश सरकार ने सर्दी के मौसम में पर्याप्त बिजली उपलब्धता की कवायद शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दिल्ली जा रहे हैं।
वह शनिवार या रविवार को केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह से मुलाकात कर अनावंटित कोटा बढ़ाने और उसे बरकरार रखने की मांग करेंगे। यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार ने कहा, सीएम धामी के निर्देश पर सर्दी के मौसम में बिजली की उपलब्धता के लिए प्रयास तेज कर दिए गए हैं.
यूपीसीएल ने भी तैयारियां तेज कर दी हैं
यूपीसीएल के निदेशक परियोजना अजय कुमार अग्रवाल ने कहा, टीएचडीसी के साथ पंप स्टोरेज से 25 साल का बिजली खरीद समझौता (पीपीए) किया गया है, जिसके तहत जनवरी से बिजली उपलब्ध होने की उम्मीद है। इसके तहत यूपीसीएल इस परियोजना के संचालन के लिए दिन के समय बिजली उपलब्ध कराएगी, जिसके लिए एसजेवीएन से 2.67 रुपये की लागत से सौर ऊर्जा ली गई है। इसके बदले में टीएचडीसी को करीब 4.50 रुपये प्रति यूनिट की लागत पर रोजाना करीब 200 मेगावाट बिजली मिलेगी।
केंद्रीय विद्युत नियामक प्राधिकरण को पत्र भेजा गया है
यूपीसीएल ने अक्टूबर से मार्च में केंद्र से बिजली के लिए केंद्रीय विद्युत नियामक प्राधिकरण को पत्र भी भेजा है। मध्य प्रदेश के गोरखपुर के बरेला गांव स्थित एनटीपीसी के झाबुआ पावर प्लांट से 200 से 300 मेगावाट बिजली खरीदने के लिए पीपीए पर भी काम किया जा रहा है। यहां से 25 साल तक 4 रुपये से 4.80 रुपये प्रति यूनिट तक बिजली मिलेगी। वहीं, सिक्किम एनर्जी की पनबिजली परियोजनाओं से 150 से 200 मेगावाट बिजली खरीदने पर काम शुरू कर दिया गया है. यूपीसीएल ने एनटीपीसी की 25-वर्षीय पीपीए पूरी परियोजनाओं में से 17,000 मेगावाट में से कुछ बिजली की मांग भी रखी है।
अक्तूबर 22 से मार्च 23 तक रोजाना मांग व उपलब्धता
माह बिजली की मांग उपलब्धता (करोड़ यूनिट में)
अक्तूबर-2022 3.5 3.3
नवंबर-2022 3.6 2.4
दिसंबर 2022 3.7 2.3
जनवरी 2023 4.3 2.8
फरवरी 2023 4.0 3.0
मार्च 2023 3.7 2.5
गांवों में साढ़े चार घंटे तक गुल रही बिजली
प्रदेश में बिजली संकट गहराता जा रहा है। व्यासी परियोजना से रोजाना 24 लाख यूनिट बिजली नहीं मिलने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में रोजाना साढ़े चार घंटे बिजली कटौती की जा रही है. शुक्रवार को हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जिले के ग्रामीण इलाकों में चार से साढ़े चार घंटे की कटौती हुई। छोटे शहरों में दो घंटे, काशीपुर में डेढ़ घंटे, रुद्रपुर में सवा घंटे, हलद्वानी और रूड़की में डेढ़ घंटे और ज्वालापुर में दो घंटे की कटौती की गई। स्टील फर्नेस उद्योगों में गढ़वाल मंडल में करीब साढ़े नौ घंटे और कुमाऊं मंडल में साढ़े 10 घंटे की कटौती की गई। यूपीसीएल के मुताबिक इस समय बिजली की मांग करीब 4.8 करोड़ यूनिट तक जा रही है, जिसके सापेक्ष सिर्फ 4.6 करोड़ यूनिट बिजली ही उपलब्ध कराई जा रही है.