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उत्तराखंड

उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट: बेंगलुरु रोड शो में 4600 करोड़ रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर

SaumyaV
30 Oct 2023 12:11 PM IST
उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट: बेंगलुरु रोड शो में 4600 करोड़ रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर
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उत्तराखंड ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट- 2023 दिनांक 8-9 दिसंबर 2023 को प्रस्तावित है. होटल ताज वेस्ट एंड में आयोजित बेंगलुरु रोड शो के दौरान निवेशकों को उत्तराखंड में निवेश की संभावनाओं पर आधारित एक प्रेजेंटेशन भी दिखाया गया. यहां कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि साल 2000 में अलग राज्य गठन के बाद उत्तराखंड वैश्विक स्तर पर अपनी एक पहचान स्थापित कर चुका है. इसे दुनिया में भारत का स्विटजरलैंड कहा जाता है.

उत्तराखंड ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट 2023 के लिए सभी रोड शो से अब तक कुल 69300 करोड़ रुपए के एमओयू हो चुके हैं. शनिवार को उत्तराखंड सरकार और 18 कंपनियों के बीच बेंगलुरु रोड शो में कुल 4600 करोड़ के MoU किए गए. इन कंपनियों में हैं- भारत सेमीकंडक्टर सोसायटी (सेमीकंडक्टर विनिर्माण इकोसिस्टम के लिए एमएसएमई इकाइयों का क्लस्टर), हेज प्रिसिजन प्रोडक्ट्स लिमिटेड (ऑटो कंपोनेंट प्लांट), रेडवुड ग्रुप (पर्यटन रिज़ॉर्ट), केईसी एग्रीटेक (वैकल्पिक ऊर्जा), हिमालयन बास्केट (एफपी विनिर्माण), सिलेज एग्रो (पशु पोषण, चारा, भ्रूण स्थानांतरण और क्लस्टर आधारित डेयरी फार्मिंग), इंस्पायर (कौशल, महिला उद्यमिता), जीरोहार्म (मेडिकल कैनबिस), निशांत अरोमास (आवश्यक तेल), कुमाऊं हिमालयन बेवरेजेज लिमिटेड (पेय पदार्थ विनिर्माण संयंत्र), न्यूट्रियार्क प्राइवेट लिमिटेड (न्यूट्रास्यूटिकल्स, डीई पेड्रो शुगर इंडस्ट्रीज (अस्पताल), स्काईलार्क ड्रोन (ड्रोन सॉफ्टवेयर+स्किलिंग), सीडीएसई (इन्क्यूबेटर्स), त्रिलोकेश एक्सपोर्ट्स (लैबग्रोन डायमंड्स) शहरी क्षेत्र (इलेक्ट्रिक बसें विनिर्माण).

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन एवं दिल्ली में कुल मिलाकर अब तक 64700 करोड के इन्वेस्टमेंट एमओयू साइन किए जा चुके हैं. जिसमें यूएई में 15475 करोड़, ब्रिटेन में 12500 करोड़ और दिल्ली में अयोजित दो अलग-अलग कार्यक्रमों में 26575 करोड़ के एमओयू (4 सितंबर को 7600 करोड़ एवं 4 अक्टूबर को दिल्ली रोड शो के दौरान 18975 हजार करोड़ रूपये) साथ ही चेन्नई रोड शो में 10150 करोड़ के अएमओयू किये जा चुके हैं.


साल 2000 के बाद राज्य की वैश्विक पहचान बनी

इस अवसर पर निवेशकों को सम्बोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि 2000 में पृथक राज्य गठन के पश्चात उत्तराखंड राज्य ने वैश्विक स्तर पर अपनी एक पहचान स्थापित की है. उत्तराखंड न केवल देश में, बल्कि विश्व में भारत के स्विटजरलैंड के नाम से विख्यात है. पृथक राज्य के रूप में अस्तित्व में आने के बाद खाद्य प्रसंस्करण, बीवरेजेज, टैक्सटाइल एवं एप्रैल्स पेपर एवं पेपर प्रॉडक्ट, फार्मा, इलैक्ट्रिकल, इलैक्ट्रॉनिक्स, एफ०एम०सी०जी०, फैबरिकेटेड मैटल प्रॉडक्ट, प्लाईवुड, रबर एवं प्लास्टिक प्रॉडक्ट्स, कैमिकल प्रॉडक्ट्स, पैकेजिंग आदि सैक्टरों में वैश्विक एवं देश के प्रमुख औद्योगिक घरानों द्वारा निवेश किया गया है.उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने निवेश के लिए फोकस सैक्टरों की पहचान की है, जो कि राज्य के पारम्परिक क्षेत्रों जैसे पर्यटन एवं आतिथ्य, आयुष एवं वैलनेस, फिल्म शूटिंग तथा खाद्य प्रसंस्करण, ऑटोमोबाईल्स, फार्मा के साथ-साथ आने वाले क्षेत्रों जैसे नवीकरणीय ऊर्जा और सूचना प्रौद्योगिकी की मजबूती के लिये एक संमिश्रण है. राज्य में टाटा, अशोक लीलैंड, बजाज, हीरो होंडा, महेन्द्रा जैसे उद्योग समूह के प्लांट स्थापित हैं और हरिद्वार तथा पन्तनगर देश के एक प्रमुख ऑटो हब के रूप में विकसित हुआ है.


उत्तराखंड राज्य बना फार्मा हब

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड भी फार्मा हब के रूप में प्रतिष्ठित हो रहा है. उत्तराखंड राज्य में देहरादून, हरिद्वार तथा पन्तनगर में फार्मा इकाईयों की भी काफी संख्या में क्लस्टर के रूप में स्थापना हुई है, जिनमें एकम्स एंड ड्रग्स, मेन-काइंड एस्कंग फार्मा प्रा० लि० प्रमुख हैं. उत्तराखंड नैसर्गिक रूप से एक जैविक राज्य है, जहां लगभग 1.52 लाख हैक्टेयर भूमि जैविक रूप से प्रमाणित है. राज्य में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में वैश्विक ब्रांड के साथ-साथ देश के प्रतिष्ठित ब्रांड यथा नेस्ले, ब्रिटानिया, हल्दीराम, पार्ले, डाबर, आईटीसी आदि की इकाईयां स्थापित हैं. राज्य में दो मेगा फूड पार्क और चार फूड क्लस्टर स्थापित हैं.हमारी सरकार राज्य के उत्पादित कृषि उपज को जैविक प्रमाणीकरण के साथ-साथ 9 उत्पादों के जीआई प्रमाणीकरण प्राप्त किये हैं. 18 अन्य उत्पाद के जैविक प्रमाणीकरण शीघ्र ही प्राप्त हो जाएंगे.


राज्य में कई शोध संगठन कर रहे हैं काम

उन्होंने कहा कि हरिद्वार, पंतनगर, देहरादून और सितारगंज में विश्वस्तरीय अवस्थापना सुविधाओं से युक्त एकीकृत औद्योगिक आस्थान स्थापित हैं. राज्य ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिये स्टेट आफ आर्ट के रूप में आईसीडी व एलसीएस की स्थापना की है. राज्य अपने नोडल विभाग सिडकुल के माध्यम से अत्याधुनिक औद्योगिक आस्थानों/क्षेत्रों की स्थापना में काशीपुर में एरोमा पार्क, सितारगंज में प्लास्टिक पार्क, काशीपुर में इलैक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर तथा अमृतसर-कोलकाता इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर की स्थापना की दिशा में प्रभावी कदम उठाये हैं.

राज्य में प्रमुख अकादमिक और शोध संगठनों का शीर्ष स्थान होने के कारण राज्य में ज्ञान आधारित उद्योगों की स्थापना के लिये अपार सम्भावनाएं हैं. एशिया का प्रथम इंजीनियरिंग कालेज, जो आज आईआईटी रूड़की के नाम विख्यात है, देश का प्रथमविश्व विद्यालय गोविन्द बल्लभ पंत कृषि और प्रौद्योगिकी विश्व विद्यालय, पंतनगर और भारतीय प्रबन्ध संस्थान, काशीपुर, राष्ट्रीय प्रौद्योगिक संस्थान, श्रीनगर, गढ़वाल इनमें प्रमुख हैं. उद्योग संवर्द्धन और आन्तरिक व्यापार विभाग की लीड्स रैंकिंग में वर्ष 2022 की रैंकिंग में उत्तराखण्ड राज्य एचीवर्स श्रेणी में शामिल है. इसी प्रकार स्टार्टअप रैंकिंग में लीडर श्रेणी में शामिल है. नीति आयोग द्वारा जारी वर्ष 2022 के निर्यात तैयारी सूचकांक में उत्तराखण्ड राज्य सम्पूर्ण देश में 9वें स्थान पर, जबकि हिमालयी राज्यों में प्रथम स्थान पर है |


योग का विश्व केंद्र बना उत्तराखंड

राज्य से औषधीय और सुगन्ध पौध निर्यात क्षेत्र के अन्तर्गत देहरादून, चमोली, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, नैनीताल, ऊधमसिंहनगर और हरिद्वार जिले शामिल हैं. योग की विश्व राजधानी बनने की क्षमता है. राज्य में योग ग्राम की अवधारणा योग को पर्यटन से जोड़ने का एक प्रयास है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में पतंजलि, फॉरेस्ट इसेन्सियल, ब्लाजम कोचर, वीएलसीसी, एसआरआई. हिमालया आयुर्वेद आदि जैसे प्रसिद्ध वेलनेस औद्योगिक प्रतिष्ठानों की इकाईयां स्थापित हैं आनन्दा एवं वेस्ट-इन नरेन्द्रनगर वाना रिट्रीट, हयात, देहरादून और प्रमुख हॉस्पिटेलिटी चेन के रूप में ताज, ऋषिकेश एवं हरिद्वार, मैरियेट इन्टरनेशनल, मसूरी प्रमुख वेलनेस रिसॉर्ट उत्तराखण्ड में पहले से ही हैं.

उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में रेल, सड़क एवं हवाई कनेक्टीविटी में लगातार सुधार हो रहा है. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के निकट होने के कारण व्यापार और वाणिज्यिक हब और पड़ौसी राज्यों के साथ उत्कृष्ट कनेक्टीविटी का अतिरिक्त लाभ ले रहा है. ऋषिकेश सेकर्णप्रयाग तक रेलवे लाईन तथा हरिद्वार, ऋषिकेश, बद्रीनाथ और केदारनाथ को जोड़ने के लिये ऑल वेदर रोड का निर्माण राज्य के भीतर कनेक्टीविटी बढ़ाने के लिये किया जा रहा है.

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