Begin typing your search above and press return to search.
उत्तराखंड

Uttarakhand Foundation Day: उत्तराखंड में विकास की रफ्तार, धीरे-धीरे पकड़ रही धार...मिलकर करने होंगे प्रयास

Abhay updhyay
9 Nov 2023 12:47 PM GMT
Uttarakhand Foundation Day: उत्तराखंड में विकास की रफ्तार, धीरे-धीरे पकड़ रही धार...मिलकर करने होंगे प्रयास
x

राज्य को सपनों का उत्तराखंड बनाने के लिए निरंतर प्रयास हो रहे हैं। इन 23 वर्षों में प्रदेश (Uttarakhand Foundation Day) में सरकार से लेकर आम लोगों की कवायद के सकारात्मक परिणाम भी आए हैं। यही वजह है कि जहां पहले लोगों को अपने घर पहुंचने के लिए कोसों पैदल चलना पड़ता था अब गांव तक सड़क होने से वाहन के जरिये पल भर में घर पर होते हैं। हालांकि लाख कमियों के बावजूद प्रदेश में शिक्षा का स्तर भी सुधरा है। हालांकि, अभी इस दिशा में बहुत कुछ किया शेष है। उम्मीद है कि इन कॉलेजों में उन्हें शिक्षकों समेत अन्य सभी सुविधाएं मिलेंगी।

ऊधमसिंह नगर

ऊधमसिंह नगर जिले में 90 कंपनियां 2210 करोड़ रुपये का निवेश करने जा रहीं हैं। इससे प्रत्यक्ष रूप से तीन हजार और अप्रत्यक्ष रूप से 5000 से भी अधिक लोगों को रोजगार मिल सकेगा। जिला उद्योग केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक वर्ष 2023-24 में 60 नई कंपनियां स्थापित होंगी, जबकि 30 कंपनियों का विस्तार किया जाएगा।

उत्तराखंड बनने के बाद उद्यमियों ने यहां 1968 करोड़ रुपये का निवेश कर 9631 छोटे व बड़े उद्योग स्थापित किए हैं। जिले में सिडकुल व अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में अब तक 73629 लोगों को रोजगार मिला है। हालांकि इसमें प्रदेश से बाहर यूपी, बिहार व अन्य राज्यों के लोग भी शामिल हैं। सिंगल विंडो सिस्टम से अभी तक 2963 उद्योग लगाने के लिए मंजूरी भी मिल गई है। आईआईएम बना काशीपुर की पहचान


पिथौरागढ़

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदि कैलाश आने के बाद से जिले को पर्यटन के क्षेत्र में वैश्विक पहचान मिली है। यहां के प्रमुख धार्मिक स्थलों को मानसखंड मंदिर माला मिशन से जोड़ने से पर्यटन के क्षेत्र में एक और नया अध्याय जुड़ जाएगा।

चार धाम की तर्ज पर विकसित होंगे आदि कैलाश और ओम पर्वत। दोनों स्थल चार धाम की तर्ज पर विकसित होंगे।

मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत प्रदेश के 16 मंदिर विकसित होंगे। इनमें पिथौरागढ़ में पाताल भुवनेश्वर मंदिर, हाट कालिका मंदिर, अल्मोड़ा में जागेश्वर महादेव मंदिर, चितई गोलू मंदिर, सूर्यदेव मंदिर कटारमल, कसार देवी मंदिर, नंदा देवी मंदिर, बागेश्वर में बागनाथ मंदिर, बैजनाथ मंदिर, चंपावत में पाताल रुद्रेश्वर, मां पूर्णागिरी मंदिर, मां बाराही देवी मंदिर, बालेश्वर मंदिर, नैना देवी मंदिर, कैंचीधाम मंदिर और चैतीधाम मंदिर शामिल हैं।

आदि कैलाश, ओम पर्वत सहित अन्य धार्मिक स्थलों पर पर्यटकों के लिए सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। सड़क, संचार सुविधा बेहतर बनाई जाएंगी। इसके लिए कार्ययोजना बनाई जा रही है।


अल्मोड़ा

मानसखंड मंदिर मिशन माला के तहत कुमाऊं के 16 प्रसिद्ध मंदिरों का विकास होने के साथ इन्हें जोड़ने वाली सड़कें टू-लेन होंगी। इसमें 700 करोड़ रुपये से अधिक खर्च होंगे। अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ एनएच पर 46 करोड़ रुपये से हॉटमिक्स किया जा रहा है।

अल्मोड़ा में कसारदेवी, चितई, सूर्य मंदिर कटारमल, झांकरसैम, जागेश्वर धाम, नंदा देवी मंदिर, पिथौरागढ़ में आदि कैलाश, हाट कालिका, मोस्टमानो, थलकेदार सहित कुमाऊं के 16 प्रमुख मंदिरों को मानसखंड कॉरिडोर से जोड़ा जाएगा।

अल्मोड़ा में धार्मिक पर्यटक स्थलों के विकास, नए ट्रेकिंग रूट, स्थानीय कोसी बैराज में नौकायन, बिनसर अभयारण्य में कॉर्बेट पार्क की तर्ज पर सफारी का संचालन. होम स्टे योजना से बेरोजगारों को जोड़ने के साथ नए पर्यटक स्थलों को विकसित करने से विकास की उम्मीद है।

मानसखंड परियोजना के तहत चिह्नित धार्मिक स्थलों को जोड़ने वाली सड़कें टू-लेन होंगी। इसकी डीपीआर तैयार की जा रही है। निश्चित तौर पर सड़कों की बेहतरी से पर्यटन गतिविधियां बढ़ेंगी। -


नैनीताल

48 साल के लंबे इंतजार के बाद जमरानी बांध परियोजना को केंद्रीय कैबिनेट से वित्तीय स्वीकृति मिल गई है। पीएमकेएसवाई योजना के तहत 1730.20 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली है। इससे नैनीताल और उधमसिंह नगर के साथ ही यूपी के बरेली और रामपुर जिले में पेयजल और सिंचाई जरुरतों के लिए पानी की आपूर्ति होगी।

नैनीताल जिले में प्रधानमंत्री रोजगार योजना और मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अलावा मुख्यमंत्री नैनो योजना से लाभ लेकर कई उद्यमियों ने रोजगार शुरु किया है। इनमें फूड प्रोडक्ट, फ्लोरिकल्चर, बुटिक, डेयरी, ब्यूटी पार्लर, प्रिटिंग प्रेस, फ्रेबिकेशन, साइबर कैफे, जिम, रेस्टोरेंट, पोल्ट्री फार्म, मोबाइल शॉप, फास्ट फूड, बकरी, कुक्कुट पालन जैसे उद्योगों से अच्छी आय अर्जित की जा सकती है।


बागेश्वर

जिले में पैरामोटर ग्लाइडिंग के क्षेत्र में पर्यटन विभाग परिषद ने कदम बढ़ाए हैं। जिले के माल्दे में पैराग्लाइडिंग स्थल विकसित करने के लिए 5 .87 लाख रुपये अवमुक्त किए गए हैं। माल्दे में स्थल विकास के बाद पैरामोटर ग्लाइडिंग के ट्रायल का निर्णय लिया गया है। बीते सप्ताह ग्रामीण निर्माण विभाग ने उक्त कार्य के लिए निविदा आमंत्रित की है।

राज्य बनने के बाद से अब तक उद्योग विभाग ने सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योगों के माध्यम से 6182 लोगों को रोजगार देने का काम किया है जिन्हें वर्तमान में जिले में चल रहीं 2432 सूक्ष्म, लघु और मझौले उद्योगों की इकाइयों की मदद से रोजगार मिला है। महाप्रबंधक सीएम रावत ने बताया कि इन उद्यमों की स्थापना के लिए विभाग ने 92 करोड़ का सहयोग किया है। जिले में कोई भी बड़ा उद्योग नहीं है। कोई उद्योग बंद भी नहीं हुआ है।

जिले में धार्मिक पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। वर्ष 2022 में प्रसाद योजना के तहत 49 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं। योजना के तहत बागनाथ धाम के साथ ही सरयू घाट का सौंदर्यीकरण होगा। पुलों और सड़कों के सौंदर्यीकरण का भी प्रावधान किया गया है। इसके लिए सर्वे हो चुका है। मानसखंड मंदिर माला योजना के तहत बागनाथ और बैजनाथ धाम का चयन किया गया है। दोनों मंदिरों में पर्यटन सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। इसके लिए भी सर्वे का काम हो चुका है। बैजनाथ के मेलाडुंगरी हेलीपैड का विस्तार करने की घोषणा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की है। हेलीपैड से उड़ान शुरू कर पर्यटकों को आकर्षित करने की योजना है।


चंपावत

पिथौरागढ़ से लोहाघाट के बीच 158 टावर से निर्मित 42 किमी लंबी लाइन बन चुकी है। लोहाघाट के डैसली में अगले साल तक बिजलीघर बनने के बाद 132 केवी बिजली की आपूर्ति पिथौरागढ़ के बजाय यहीं से होगी। इससे लाइन लॉस में कमी, ब्रेक डाउन से राहत, लो-वोल्टेज से निजात मिलने से चंपावत जिले के संपूर्ण पर्वतीय क्षेत्र को लाभ मिलेगा।

चंपावत जिले को उत्तराखंड के प्रमुख ऊर्जा केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए आईआईपी (भारतीय पेट्रोलियम संस्थान) पहल कर रहा है। पिरूल का़ उपयोग ईंधन के रूप में करने के लिए च्यूरा से बायो डीजल बनाने की कार्ययोजना तैयार की गई है। वैज्ञानिक डॉ. पंकज आर्या बताते हैं कि पिरूल से बना कोयला पूरी तरह कार्बन उत्सर्जन रहित होने के साथ लोगों की आय का भी जरिया बन सकेगा। चंपावत में 27292 हेक्टेयर क्षेत्र में चीड़ के जंगल होने के अलावा च्यूरा भी प्रचुर मात्रा में है। इसके लिए संस्थान ने पहले चरण में चंपावत ब्लॉक के दस गांवों का चयन किया है।

चंपावत से सात किमी दूर कांडा गांव में उद्योग विभाग की मदद से दो युवा कमलेश पांडे और राहुल वर्मा ने पानी का प्लांट लगाया। जुलाई में शुरू किए गए इस प्लांट से रोजाना पांच हजार लीटर पानी का उत्पादन किया जा रहा है।

खेतीखान में 4.50 मेगावाट क्षमता का सोलर प्लांट शुरू। इससे न केवल पर्यावरण के अनुकूल बिजली का उत्पादन हो रहा है, बल्कि 30 स्थानीय लोगों को स्वरोजगार भी मिल रहा है। इस प्लांट से उत्पादित बिजली को 25 साल तक ऊर्जा निगम खरीदेगी। इसके लिए अब प्लांट को ऊर्जा निगम के ग्रिड से जोड़ा जाएगा।

चंपावत जिले में नेपाल सीमा से लगी दस बाॉर्डर आउटपोस्ट को जगमग करने के लिए 3.83 करोड़ रुपये से लाइन बिछाने का काम शुरू। श्रीकुंड, चामीगाड़, पूर्णागिरि, कलढुंगा प्रथम, कलढुंगा द्वितीय, चूका, सीम, खेत, आमड़ा और ब्यूरी को इससे बिजली आपूर्ति होगी।

मां पूर्णागिरि धाम की बिजली व्यवस्था को सालभर करने के लिए 3.72 करोड़ रुपये से काम शुरू। चंपावत ब्लॉक के अमोड़ी में बिजलीघर के पूरा होने से दूरदराज के 75। गांवों को ब्रेकडाउन से निजात मिलेगी।

Abhay updhyay

Abhay updhyay

    Next Story