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उत्तराखंड कैबिनेट अब राज्य के सरकारी रिसर्चर की करेगी आर्थिक मदद

Sakshi Chauhan
25 Aug 2023 1:24 PM IST
उत्तराखंड कैबिनेट अब राज्य  के सरकारी रिसर्चर की करेगी आर्थिक मदद
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उत्तराखंड कैबिनेट अब राज्य के सरकारी विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों के शिक्षकों व छात्रों को रिसर्च करने पर सरकार 15 से 18 लाख रुपये का आर्थिक मदद व 5000 रुपये प्रतिमाह पारिश्रमिक देगी।कल इसके लिए मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।

इस योजना को उच्च गुणान्वित शिक्षा का माहौल बनाने, नई तकनीकों के प्रयोग के कारण शोध की भूमिका अहम मानी जा रही है। नई शिक्षा नीति में भी शोध को प्रथमता दी गई है। इसलिये, इसी शैक्षिक सत्र 2023-24 से सरकार ने मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना शुरू की है। इसके तहत मनुष्य, अर्थशास्त्र , भाषा, साहित्य, पर्यावरण, ज्वलंत मुद्दों, उत्तराखंड विकास पर शोध, पर्यटन, परंपरागत विज्ञान, इंजीनियरिंग में उभरते क्षेत्रों में शिक्षण और शोध को प्रोत्साहित किया जाएगा।

प्रैक्टिकल शोध विषयों को दी जाएगी प्रमुखता

शोध के लिए प्रैक्टिकल विषय क्षेत्र विज्ञान, कला एवं मानविकी, गृह विज्ञान, व्यापार प्रबंधन सहित अंतर्विषयक विषय क्षेत्र भी स्वीकार किए जाएंगे। राज्य से संबंधित शोध विषयों को प्रेरित करते हुए श्रेष्ठ समस्या समाधान और प्रैक्टिकल शोध विषयों को प्रमुखता दी जाएगी।

शोध प्रोत्साहन योजना के लिए राज्य के शासकीय महाविद्यालयों, अशासकीय अनुदानित महाविद्यालयों तथा राज्य विवि परिसरों में कार्यरत नियमित प्राध्यापक और नियमित संस्थागत रूप में पढ़ने वाले छात्र एवं शोध पढ़नेवाला पात्र होंगे। मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना विभाग की ओर से निर्धारित वार्षिक कैलेंडर के अनुसार प्रचलित होगी। इस साल 20 आविष्कार को इस योजना का लाभ दिया जाएगा।

ऐसे होंगे आवेदन

मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना के लिए ऑनलाइन समर्थ पोर्टल के माध्यम से आवेदन करना होगा। कथित योजना के अंतर्गत सचिव, उच्च शिक्षा की निदेशक में राज्य स्तरीय शोध एवं विकास प्रकोष्ठ समिति का गठन किया जाएगा।


तीन किस्तों में मिलेगी रिसर्च की धनराशि

शोध के लिए 15 लाख रुपये अनुदान निदेशक मिलेगा, जिसे जिसे विशेष परिस्थितियों में अधिक महत्व के शोध के लिए राज्य शोध एवं विकास प्रकोष्ठ समिति की प्रशंसा के आधार पर अतिरिक्त 20 प्रतिशत तक बढ़ाते हुए कुल 18 लाख रुपये तक अनुमन्य किया जा सकता है। शोध की अनुदान राशि तीन किस्तों में संस्था के शोध एवं विकास प्रकोष्ठ के खाते में DBT के माध्यम से दी जाएगी। शोध कार्य के लिए शोध सहयोगी के प्रथम योगदान से शोध कार्य की समाप्ति की तिथि तक पांच हजार रुपये प्रति माह की दर से शोध मानदेय दिया जाएगा।

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