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उत्तराखंड

Uniform Civil Code: 2010 के बाद वाली है शादी तो कराना होगा पंजीकरण, छह माह का समय...वरना लगेगा जुर्माना

Kanishka Chaturvedi
7 Feb 2024 6:32 AM GMT
Uniform Civil Code: 2010 के बाद वाली है शादी तो कराना होगा पंजीकरण, छह माह का समय...वरना लगेगा जुर्माना
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अगर आपका विवाह 26 मार्च 2010 के बाद हुआ है, तो उसका पंजीकरण कराना होगा। पहले जो करा चुके हैं, उन्हें दोबारा पंजीकरण की जरूरत नहीं होगी। विधानसभा में पेश किए गए समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के बिल में यह प्रावधान है।

खास बात ये भी है कि कानून लागू होने के छह माह के भीतर पंजीकरण न कराने वालों पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा। पंजीकरण में गलत तथ्य देने वालों पर 25 हजार का जुर्माना लगेगा। यूसीसी में स्पष्ट किया गया कि विवाह करने वालों में से अगर स्त्री या पुरुष राज्य का निवासी होगा तो उसका पंजीकरण अनिवार्य होगा।

26 मार्च 2010 (उत्तराखंड अनिवार्य विवाह पंजीकरण एक्ट) तक के जो विवाह पंजीकृत नहीं हैं, उन्हें यूसीसी लागू होने के बाद छह माह के भीतर पंजीकरण कराना होगा। जो पहले से पंजीकृत हैं, उन्हें कानून लागू होने के छह माह के भीतर सब रजिस्ट्रार कार्यालय में घोषणा पेश करनी होगी। 2010 के पूर्व के दंपती चाहें तो अपना पंजीकरण करा सकते हैं, लेकिन उनकी एक से अधिक जीवनसाथी न हों। आयु का मानक पूरा हो रहा हो।

ऐसे होगा पंजीकरण

यूसीसी लागू होने के बाद पति-पत्नी मिलकर एक फार्म भरेंगे। विवाह की तिथि से 60 दिन के भीतर सब रजिस्ट्रार के सामने प्रस्तुत करेंगे। शर्त है कि दोनों में से एक राज्य में निवास करता हो। इसी प्रकार, 2010 के पहले के दंपती के लिए भी औपचारिकताएं होंगी।

सब रजिस्ट्रार, रजिस्ट्रार, रजिस्ट्रार जनरल नियुक्त करेगी सरकार

यूसीसी के तहत राज्य सरकार सचिव स्तर के अधिकारी को रजिस्ट्रार जनरल (महानिबंधक) नियुक्त करेगी। इसके बाद उपजिलाधिकारी स्तर तक के अधिकारियों को रजिस्ट्रार और क्षेत्रों के लिए सब रजिस्ट्रार तैनात किए जाएंगे।

पुरुष की 21, स्त्री की 18 वर्ष आयु

यूसीसी में ये प्रावधान किया गया कि विवाह तभी होगा जबकि पुरुष की न्यूनतम आयु 21 वर्ष और स्त्री की न्यूनतम आयु 18 वर्ष हो।

10 से 25 हजार रुपये तक जुर्माना

कोई भी व्यक्ति जो विवाह होने के बाद जानबूझकर पंजीकरण नहीं कराएगा या उपेक्षा करेगा, उस पर सब रजिस्ट्रार 10 हजार का जुर्माना लगा सकते हैं। जो व्यक्ति पंजीकरण में गलत तथ्य प्रस्तुत करेगा या कूटरचित दस्तावेज लगाएगा, उसे तीन माह की जेल और 25 हजार रुपये का जुर्माना या दोनों लग सकते हैं। जो सब रजिस्ट्रार पंजीकरण प्रक्रिया, विच्छेद पर 15 दिन के भीतर एक्शन नहीं लेगा, उस पर भी 25 हजार रुपये तक का जुर्माना लग सकता है।


सब रजिस्ट्रार खुद भी ले सकते हैं संज्ञान

अगर कोई विवाह होता है और उसका पंजीकरण नहीं होता तो सब रजिस्ट्रार इसका खुद भी संज्ञान ले सकेगा। वह नोटिस भेजेगा, जिस पर 30 दिन के भीतर ज्ञापन प्रस्तुत करना होगा। ऐसा न करने पर 25 हजार का जुर्माना लगेगा। पंजीकरण न कराने पर कोई विवाह अविधिमान्य नहीं होगा।

Kanishka Chaturvedi

Kanishka Chaturvedi

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