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उत्तराखंड

बांसवाड़ा-मोहनखाल मार्ग पर दर्दनाक हादसा, अनियंत्रित होकर खाई में गिरी बोलेरो, पिता-पुत्र की मौत

Suman Kaushik
13 Feb 2024 8:21 AM GMT
बांसवाड़ा-मोहनखाल मार्ग पर दर्दनाक हादसा, अनियंत्रित होकर खाई में गिरी बोलेरो, पिता-पुत्र की मौत
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वाहन चालक अपने बच्चे को लेकर भणज से अपने घर क्यूंजा लौट रहा था। घटना की सूचना के बाद से मृतक के परिवार में मातम पसरा है। मृतक की माता, पत्नी और डेढ़ साल की पुत्री का रो-रोकर बुरा हाल है।

बांसवाड़ा-मोहनखाल मोटर मार्ग पर गढ़सारी बैंड के समीप एक बोलेरो वाहन अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरा। इस हादसे में बलसुंडी गांव निवासी वाहन चालक राकेश सिंह की मौत हो गई। जबकि उसका पांच वर्षीय पुत्र लापता था। एसडीआरएफ, पुलिस और जिला आपदा प्रबंधन विभाग का रेस्क्यू दल लापता बच्चे की खोजबीन में जुटा था। मंगलवार को बच्चे का शव भी बरामद हो गया।

बता दें कि सोमवार को लगभग साढ़े चार बजे बलसुंडी गांव निवासी राकेश (40) अपने पांच वर्षीय बेटे रुद्र के साथ अपने वाहन से क्यूंजा लौट रहा था। राकेश ने एक माह पूर्व क्यूंजा में आवासीय मकान बनाया था। लेकिन गढ़सारी बैंड के समीप वाहन अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरा। लेकिन हादसे के बारे में जिला आपदा प्रबंधन को शाम 6.30 बजे जानकारी मिली।

सूचना पर अगस्त्यमुनि थाना प्रभारी राजीव चौहान के नेतृत्व में पुलिस, एसडीआरएफ के साथ जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार भी डीडीआरएफ के साथ मौके पर पहुंचे।

जहां पर रेस्क्यू दल द्वारा खोजबीन शुरू की। सड़क से कुछ मीटर नीचे खाई से वाहन चालक राकेश का शव खाई से बरामद किया गया। लेकिन उसके पांच वर्षीय पुत्र का पता नहीं चल सका था। रात के अंधेरा, गहरी खाई और घना जंगल होने के कारण बच्चे की खोजबीन में दिक्कत आ रही थी। थाना प्रभारी राजीव चौहान ने बताया कि सुबह दोबारा रेस्क्यू अभियान चलाया गया। बच्चे का शव भी बरामद हे गया है।

मकर संक्रांति को किया था नए घर में गृह प्रवेश

बलसुंडी गांव निवासी राकेश सिंह वाहन संचालन कर अपने परिवार का भरण-पोषण करता था। बीते वर्ष तक वह अपने पांच वर्ष के बेटे को पढ़ाने के लिए परिवार सहित भणज में किराए के कमरे पर रहता था। इस वर्ष क्यूंजा में उसने अपना आवासीय मकान बनाया, जिसमें बीते 15 जनवरी को मकर संक्रांति के पर्व पर गृह प्रवेश हुआ था। वह, धीरे-धीरे अपने नए मकान में अपने परिवार की जरूरत के हिसाब से सामान जुटाने में लगा हुआ था।

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