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उत्तराखंड

आंदोलन रंग लाया : कई साल तक पैदल पगडंडी नापी, अब गाड़ी में बैठकर पहुंंचेंगे गांव, छलक पड़ी बुजुर्गों की आंखें

Kanishka Chaturvedi
19 Feb 2024 8:41 AM GMT
आंदोलन रंग लाया : कई साल तक पैदल पगडंडी नापी, अब गाड़ी में बैठकर पहुंंचेंगे गांव, छलक पड़ी बुजुर्गों की आंखें
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जोशीमठ ब्लॉक के पांच गांवों के ग्रामीणों की मांग और उनका आंदोलन रंग लाया। अब पाखी-ह्यूंणा-लांजी-पोखनी-द्वींग तपोण सड़क का निर्माण आखिरकार शुरू हो गया है। निर्माण शुरू होता देख बुजुर्गों की आंखें नम हो गईं। उन्होंने कहा कि गांव की करीब पांच किलोमीटर की पगडंडी से पैदल चलते-चलते एड़ियां घिस गईं। मगर अब इस बात की खुशी है कि उम्र के इस पड़ाव में गांव तक वाहन से जा सकेंगे। सड़क निर्माण से क्षेत्र की करीब 1000 की आबादी को यातायात की सुविधा मिलेगी।

वर्ष 2013 में पाखी-ह्यूंणा-लांजी-पोखनी-द्वींग तपोण सड़क को शासन की स्वीकृति मिली थी जबकि वर्ष 2020 में सड़क को वन भूमि हस्तांतरण की स्वीकृति मिली। उसके बाद तीन साल तक सड़क बजट के अभाव में अटकी रही। इस बीच ग्रामीणों ने सड़क निर्माण के लिए कई आंदोलन भी किए। अब तीन साल बाद सड़क निर्माण का काम शुरू हो गया है।

यहां पुल न होने पर लोनिवि ने जेसीबी को अलकनंदा नदी में उतारा और दूसरे छोर तक पहुंचाया। इसके बाद सड़क की हिल कटिंग शुरू कर दी गई। ह्यूंणा गांव के कुंदन सिंह राणा (70), प्रताप सिंह और मुरली भट्ट का कहना है कि अभी तक गंतव्य तक जाने के लिए करीब पांच किलोमीटर की पैदल दूरी नापते हैं।

गांवों से पलायन रुकेगा पलायन

लांजी गांव के 68 वर्षीय गब्बर सिंह का कहना है कि सड़क बनने से गांवों से पलायन रुकेगा। बीमार लोगों को अस्पताल पहुंचाने में सहूलियत भी होगी। ग्राम प्रधान संदीप भंडारी ने कहा कि सड़क निर्माण के लिए जो संघर्ष किया उसे भुलाया नहीं जा सकता।

पाखी-ह्यूंणा-लांजी-पोखनी-द्वींग तपोण सड़क का निर्माण शुरू कर दिया गया है। अलकनंदा पर लगभग 80 मीटर और लांजी व द्वींग गांव के बीच 30 मीटर लंबा मोटर पुल का निर्माण भी होगा। सड़क निर्माण के लिए प्रथम चरण में दो करोड़ 34 लाख की स्वीकृति मिली है। एक वर्ष में हिल कटिंग पूरी कर ली जाएगी।

Kanishka Chaturvedi

Kanishka Chaturvedi

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