ऋषिकेष: सैनगांव में बन रहे पशुपतिनाथ मंदिर के लिए शालिग्राम पत्थर की मूर्तियां नेपाल भेजी जाएंगी
पशुपतिनाथ क्षेत्र विकास निधि काठमांडू नेपाल के सचिव डॉ. मिलनकुमार थापा, पशुपतिनाथ मंदिर सलाहकार कृष्ण मुरारी और नेपाल मंदिर निदेशक सीताराम रिसाल गुरुवार को परमार्थ निकेतन पहुंचे। उन्होंने महामंडलेश्वर स्वामी असंगानंद सरस्वती से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद लिया.पशुपतिनाथ मंदिर नेपाल के निदेशक सीताराम रिसाल ने बताया कि उत्तराखंड के सैंण गांव में बन रहे श्री पशुपतिनाथ मंदिर की मूर्ति के लिए नेपाल से भारत को भगवान शिव की मूर्ति, बाबा का डमरू, त्रिशूल और पत्थर से बने नंदी शालिग्राम दिए जाएंगे। सैन देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत का पैतृक गांव है। डॉ. हरिवंश राय बच्चन प्रतिष्ठान की संस्थापक निवृत्ति यादव ने गांव के विकास के लिए गांव को गोद लिया है।महामंडलेश्वर स्वामी असंगानंद सरस्वती ने कहा कि भारत और नेपाल का संबंध शरीर और आत्मा जैसा है। दोनों राष्ट्र अलग-अलग जरूर हैं, लेकिन उनकी आत्मा सनातन संस्कृति है। जिस तरह आत्मा के बिना शरीर बेकार है, उसी तरह सनातन संस्कृति के बिना दोनों देश महज जमीन के टुकड़े हैं। इसलिए दोनों देशों के लिए अपनी सनातन संस्कृति को बरकरार रखना बहुत जरूरी है। इस मौके पर नेपाल से अंबिका शर्मा, लक्ष्मण पंथी, नवीन कोइराला, दामोदर कार्की, सपना सिंघाड़ा, देवी प्रसाद बडोनी, भक्ति संतोष उसरेटे, उदय शंकर भारद्वाज, सुनील जांगिड़ आदि मौजूद थे।