आयुर्वेद क्षेत्र में बेहतर काम करने वाली कंपनियों को उत्तराखंड में लाने के लिए पहले चरण में सात चिकित्सालयों को पीपीपी मोड पर संचालित करने की कवायद शुरू हो गई है।
प्रदेश के सात राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालयों को पब्लिक प्राइवेट पाटर्नरशिप (पीपीपी) मोड पर चलाने की तैयारी है। इसके लिए आयुर्वेद विभाग ने ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। चिकित्सालयों को चलाने के लिए इच्छुक फर्मों से आवेदन मांगे गए हैं।
प्रदेश भर में वर्तमान में 750 से अधिक चिकित्सालय और डिस्पेंसरी स्थापित है। इसमें 545 राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय है। आयुर्वेद क्षेत्र में बेहतर काम करने वाली कंपनियों को उत्तराखंड में लाने के लिए पहले चरण में सात चिकित्सालयों को पीपीपी मोड पर संचालित करने की कवायद शुरू हो गई है। इसमें 50 बेड का आयुर्वेद अस्पताल हल्द्वानी, 10 बेड के अस्पताल मुनिकी रेती, चंबा, बड़कोट, कोटद्वार, पौड़ी, पिथौरागढ़ शामिल हैं।
अपर सचिव एवं आयुर्वेद निदेशक डॉ. विजय कुमार जोगदंडे ने पीपीपी मोड के लिए टेंडर जारी किए हैं। विभाग का मानना है कि आयुर्वेद क्षेत्र में निजी कंपनियों के आने से लोगों को बेहतर इलाज की सुविधा मिलेगी। साथ ही बड़ी कंपनियों के आने से उत्तराखंड आयुर्वेद चिकित्सा का हब बनेगा।