अब्दुल मलिक पर पुलिस ने बनाया मानसिक दबाव, आर्थिक चोट दी; संपत्ति बचाने के लिए कोर्ट में लगाई जमानत
हल्द्वानी हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने मलिक पर मानसिक दबाव बनाया। अब्दुल मलिक के आर्थिक तंत्र में पुलिस ने प्रहार करना शुरू किया तो अब्दुल मलिक ने शनिवार को कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की।
अब्दुल मलिक को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने मलिक पर मानसिक दबाव बनाया। जब अब्दुल मलिक के आर्थिक तंत्र में पुलिस ने प्रहार करना शुरू किया तो अब्दुल मलिक ने शनिवार को कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की। जब उसने वकीलों से संपर्क किया तो पुलिस के मुखबिर तंत्र एक्टिव हो गया। पुलिस ने उसे दिल्ली से धर दबोचा।
पुलिस ने अब्दुल मलिक को पकड़ने के लिए एक-एक कर मानसिक दबाव बनाना शुरू किया। सबसे पहले उसके उपर सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने सहित कई मुकदमें लादे गए। इसके बाद 12 फरवरी को नगर निगम ने अब्दुल मलिक 2.44 करोड़ का नोटिस भेजा। उसे तीन दिन में पैसा जमा करने के लिए कहा गया।
उधर 13 फरवरी को पुलिस ने मलिक के बगीचे में देखरेख चौकी खोल दी। 16 फरवरी को खनन समिति ने अब्दुल मलिक और उससे जुड़े लोगों के खनन वाहनों का गौला में रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिया। 15 फरवरी को पुलिस कुर्की का आदेश ले आई। 17 फरवरी को अब्दुल मलिक और उसके बेटे की संपत्ति कुर्क कर दी गई। इसके बाद नगर निगम ने अब्दुल मलिक के खिलाफ आरसी जारी की।
22 फरवरी को नगर निगम की संपत्ति के नुकसान की आरसी तहसील पहुंची। उधर पुलिस ने भी अब्दुल मलिक से थाने और सरकारी वाहनों के नुकसान का आंकलन कर नोटिस भेजने की तैयारी शुरू की। इससे अब्दुल मलिक टूटने लगा। संपत्ति जाता देख अब्दुल मलिक ने 24 फरवरी को कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की। सूत्र बताते हैं कि पुलिस इसके फिराक में थी कि वह अग्रिम जमानत या कोर्ट में सरेंडर करने के लिए आए और उसे दबोच लिया जाए। पुलिस ने शनिवार को मुखबिर की सूचना पर उसे दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया।