सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने लिए रेस्क्यू अभियान लगातार जारी है। सुरंग के भीतर ऑगर मशीन का हेड निकालने के बाद यहां इस काम के माहिर रैट माइनर्स की टीम मैन्युअल खोदाई करेगी। इसमें सेना उनकी मदद करेगी।
रैट माइनर्स एक विशेषज्ञों की टीम है जो खोदाई में एक्सपर्ट होती है। एनएचआईडीसीएल के एमडी महमूद अहमद और उत्तराखंड सरकार के सचिव डॉ. नीरज खैरवाल ने बताया, मैन्युअल खोदाई शुरू होने के बाद एक मीटर प्रतिघंटा तक खोदाई हो सकती है।
वहीं, सोमवार को वर्टिकल ड्रिलिंग के दौरान पानी और पत्थर आने से कुछ दिक्कत हुई। वहीं सुरंग के अंदर फंसे ऑगर मशीन के बरमे को बाहर निकाल लिया गया है। हालांकि मशीन का हेड फंसा होने से अभी मैन्युअल ड्रिलिंग शुरू नहीं हो पाई है। मशीन का हेड निकलते ही यहां मैन्युअल ड्रिलिंग शुरू होने की उम्मीद है।
दरअसल, यहां सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों को बचाने के लिए कई प्लान पर एक साथ काम चल रहा है। बीते रविवार को सुरंग के ऊपर वर्टिकल ड्रिलिंग का काम शुरू किया गया था। जिसके साथ यहां आठ इंच की ड्रिल भी की जा रही है। जिससे जमीन के अंदर मिट्टी की प्रोफाइल के साथ चट्टान की प्रकृति भी पता की जा रही है।
इसके अलावा सुरंग के दायीं ओर से भी ड्रिफ्ट टनल तैयार कर अंदर फंसे मजदूरों तक पहुंचने का प्लान तैयार किया गया है। सोमवार को रेस्क्यू अभियान के नोडल अधिकारी सचिव डॉ. नीरज खैरवाल व एनएचआईडीसीएल के एमडी महमूद अहमद ने बताया कि सुरंग के ऊपर वर्टिकल ड्रिल का काम जारी है।
यहां मशीन की रिक व मशीन को बदलने में कुछ समय लग सकता है। सुरंग के अंदर फंसे ऑगर मशीन के बरमे को सोमवार सुबह साढ़े तीन बजे के करीब काटकर बाहर निकाल दिया है। वहीं मशीन के हेड को बाहर निकालने के बाद रैट माइनर्स यहां मैन्युअल खोदाई का काम शुरू करेगी।