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उत्तराखंड

उत्तराखंड में अब स्कूली बच्चों को आधार की तरह जारी होगा परमानेंट एजुकेशन नंबर, होंगे ये फायदे |

SaumyaV
6 Dec 2023 11:03 AM GMT
उत्तराखंड में अब स्कूली बच्चों को आधार की तरह जारी होगा परमानेंट एजुकेशन नंबर, होंगे ये फायदे |
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वर्तमान में कक्षा नौ और कक्षा 11वीं में बच्चों को स्कूल में पंजीकरण करना होता है। लेकिन, यूडाइज पोर्टल अपडेट होने के बाद कक्षा एक से ही बच्चे को एक परमानेंट एजुकेशन नंबर जारी कर दिया जाएगा, जो 12वीं तक मान्य रहेगा।

आने वाले समय में किसी भी स्कूल से बच्चों की गलत या फर्जी टीसी जारी नहीं की जा सकेगी। इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन (यूडाइज) पोर्टल को अपडेट किया जा रहा है। उसके बाद कक्षा एक से 12वीं तक के स्कूली बच्चों को आधार की तर्ज पर एक परमानेंट एजुकेशन नंबर (पीईएन) जारी किया जाएगा। इसी नंबर से बच्चों को टीसी जारी की जाएगी।

वर्तमान में कक्षा नौ और कक्षा 11वीं में बच्चों को स्कूल में पंजीकरण करना होता है। लेकिन, यूडाइज पोर्टल अपडेट होने के बाद कक्षा एक से ही बच्चे को एक परमानेंट एजुकेशन नंबर जारी कर दिया जाएगा, जो 12वीं तक मान्य रहेगा।

पोर्टल में न सिर्फ बच्चों बल्कि स्कूल व शिक्षकों का डाटा भी उपलब्ध कराना होगा। स्कूल का डाटा अपलोड होने के बाद छात्रों को नंबर जारी किया जाएगा। जो विद्यार्थी कक्षा-तीन या छह में पढ़ रहा होगा उसके लिए उसी कक्षा से 12वीं तक के लिए पीईएन जारी हो जाएगा।

दो स्कूल में नहीं पढ़ा सकेंगे एक शिक्षक

पोर्टल में शिक्षकों का डाटा अपलोड होने के बाद एक शिक्षक सिर्फ एक ही स्कूल में पढ़ा सकेगा। जबकि, विद्यार्थियों से जुड़ी सभी जानकारी इस पोर्टल पर स्कूल ही अपलोड करेगा।

वर्तमान में छात्रों को पहले कक्षा-नौ फिर 11वीं में पंजीकरण कराना होता है। अगर परमानेंट एजुकेशन नंबर मिलता है तो छात्र का एक ही बार रजिस्ट्रेशन होगा जिसका नंबर 12वीं तक मान्य होगा। केंद्र सरकार की गाइडलाइन जारी होने के बाद बोर्ड की ओर से इस ओर काम शुरू किया जाएगा।

- रणबीर सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड

केंद्र सरकार की ओर से यूडाइज पोर्टल को अपडेट किया जा रहा है। पोर्टल के अपडेट होने के बाद सभी स्कूल के शिक्षक व छात्रों का डाटा आसानी से एक क्लिक पर उपलब्ध होगा। इससे टीसी का फर्जीवाड़ा भी रुकेगा। जल्द ही प्रदेशभर में भी इस पर काम शुरू किया जाएगा।

- डॉ. मुकुल कुमार सती, संयुक्त निदेशक, माध्यमिक शिक्षा

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