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उत्तराखंड

हरक्यूलिस विमान में फंसे मशीन के पार्ट्स, अब टनल की होगी वीडियो रिकॉर्डिंग

SaumyaV
15 Nov 2023 4:52 PM GMT
हरक्यूलिस विमान में फंसे मशीन के पार्ट्स, अब टनल की होगी वीडियो रिकॉर्डिंग
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यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा से डंडालगांव के बीच निर्माणाधीन सुरंग में बीते रविवार तड़के हुए हादसे में तकरीबन 40 मजदूर फंसे हैं। मजदूरों को बचाने रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है, तकनीकी विशेषज्ञों का कहना है कि आज बुधवार को मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा।

कंपनी और सरकार के खिलाफ जनहित पीआईएल दायर करेंगे श्रीकांत

सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता श्रीकांत प्रसाद ने बुधवार को सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन हादसे का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य में लगी कंपनी की लापरवाही के चलते यहां हादसा हुआ है। यहां संवदेनशील हिस्से का सही तरीके से उपचार किया गया होता तो घटना नहीं घटती। कहा कि कंपनी ने पैसा बचाने के लिए टनल में प्रति मीटर ब्लॉकिंग और कंकरीटिंग पर ध्यान दिया। टनल इंजीनियरिंग के सुरक्षा कारकों को नजरअंदाज किया गया। उन्होंने हादसे के कारणों की पड़ताल कर निर्माण कार्य में लगी कंपनी के साथ राज्य सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर करने की बात कही। कहा कि वह जल्द कुछ दिनों के अंदर यह जनहित याचिका दायर कर देंगे।

अंदर फंसे मजदूरों को दी जा रही विटामिन टेबलेट

पिछले चार दिन से सिलक्यारा टनल में भूस्खलन के बाद से फंसे 40 मजदूरों में से कुछ ने गत मंगलवार को सिरदर्द, जुकाम और बुखार की शिकायत की थी। जिस पर उन्हें आवश्यक दवाइयां पाइपलाइन के द्वारा भेजी गई थी। एक-एक घंटे के अंतराल पर खाने के लिए पॉपकॉर्न, काजू, बादाम व मुरमुरे के साथ विटामिन टेबलेट भी दी जा रही है। जिससे उनके अंदर कमजोरी न आए। इसके अलावा पाइपलाइन से मजदूरों से बात कर उनका लगातार हौसला बढ़ाया जा रहा है।

टनल में अब कराई जा रही वीडियो रिकॉर्डिंग

सिलक्यारा टनल में भूस्खलन के बाद अब एनएचआईडीसीएल की ओर से अब वीडियो रिकॉडिंग करवाई जा रही है। जिसमें रेस्क्यू ऑपरेशन के साथ सुरंग में पल-पल के हालत पर नजर रखी जा रही है। कंपनी से जुड़े एक कर्मी ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि इस काम के लिए दो लोगों को जिम्मेदारी दी गई है। टनल में एक वीडीयो कैमरो चौबीसों घंटे पल-पल के हालत और रेस्क्यू ऑपरेशन पर भी नजर रखेगा। वहीं फोटो भी ली जाएंगी।

सुरंग में फंसे मजदूरों की कुशलता के लिए किया हवन-यज्ञ

आलवेदर रोड परियोजना के अंतर्गत यमुनोत्री राजमार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में तीन दिन से फंसे मजदूरों की कुशलता के लिए श्रीनगर व्यापार सभा समेत विभिन्न सामाजिक संगठनों ने लक्ष्मीनारायण मंदिर में हवन-यज्ञ किया। इस दौरान हवन यज्ञ में शामिल लोगों ने कहा कि शनिवार की रात्रि को सिलक्यारा के समीप सुरंग में मलबा गिरने से 40 मजदूर सुरंग में फंस गए। जिन्हें सकुशल निकालने के लिए प्रशासन और आपदा प्रबंधन की टीम लगातार रेस्क्यू अभियान चलाए हुए है। लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है। व्यापार सभा अध्यक्ष दिनेश असवाल, पूर्व मंडल उपाध्यक्ष भाजपा दिनेश रुडेला, जितेंद्र रावत ने कहा कि इस समय सभी लोगों की संवेदनाएं पीड़ित परिवार के साथ है। मौके पर भगवती प्रसाद पुरी ने हवन यज्ञ संपन्न करवाया। इस दौरान कुशलानाथ, मयंक बिष्ट, त्रिपुरारी चंद थपलियाल, सोनी प्रसाद भट्ट, मयंक बिष्ट, शैलेन्द्र गैरोला आदि मौजूद रहे।

हरक्यूलिस विमान में फंसे मशीन के पार्ट्स

दिल्ली से नई मशीन के पार्ट्स की दूसरी खेप लेकर चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर उतरे हरक्यूलिस विमान में मशीन के पार्ट्स फंस गए हैं। जिन्हें दो घंटे से अधिक समय से निकालने का प्रयास किया जा रहा है। यह विमान दो बजे हवाई अड्डे पर उतरा था।

सिलक्यारा सुरंग पहुंची मशीनों की पहली खेप

उच्च क्षमता की ऑगर मशीन के हिस्सों की पहली खेप सिलक्यारा सुरंग पर पहुंच गई है। प्रशासन और पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बनाकर चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी से टनल तक मशीन के हिस्सों को पहुंचाना शुरू कर दिया है। दिल्ली से हरक्यूलिस विमानों से एयरलिफ्ट कर मशीन को चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी में तीन खेपों में पहुंचाया जा रहा है। दूसरी खेप हवाई पट्टी पर उतारी जा रही है।

यहां की चट्टान बहुत नाजुक: खलखो

एनएचआईडीसीएल (राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड) के निदेशक अंशू मनीष खलखो का कहना है कि यहां की चट्टान की प्रकृति बहुत नाजुक है। हमने दिल्ली से नवीनतम मशीन को एयरलिफ्ट किया है, और यह कभी भी उतर सकती है। एक घंटे के भीतर यहां के पास चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर मशीन को उतारा जा सकता है। भारतीय वायु सेना हमारी मदद कर रही है।अगले 3-4 घंटों में हम मशीन स्थापित करने में सक्षम होंगे और बचाव कार्य फिर से शुरू होगा।

एयरफोर्स के तीन विशेष विमान लाएंगे 25 टन भारी मशीन

सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए एयरफोर्स के तीन विशेष विमान 25 टन भारी मशीन लेकर आ रहे हैं, जो मलबे को भेद कर स्टील पाइप दूसरी तरफ पहुंचने में मददगार साबित होगी।

इस मशीन के जरिए प्रति घंटे 5 मी मलबा पार किया जा सकेगा। आज शाम से इस मशीन के जरिए काम शुरू करने की कोशिश की जाएगी।

हरक्यूलिस विमान से पहुंची मशीन

सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए हरक्यूलिस विमान से मशीन पहुंच गई है। रविवार को सुरंग में हुए भूस्खलन के मलबे में एक शॉटक्रिट मशीन व एक बूमर मशीन दबने की सूचना मिली थी। एक मशीन ऑपरेटर ने बताया कि यहां उस दौरान ट्रीटमेंट का काम चल रहा था। जब हल्का मलबा गिरा तो इन मशीनों में कार्यरत कर्मचारियों ने भागकर अपनी जान बचाई।

पुलिस और मजदूरों के बीच धक्कमुक्की

घटनास्थल पर पिछले एक घंटे से मजदूरों का विरोध प्रदर्शन जारी है। सुरंग में फंसे मजदूरों के परिजनों ने आक्रोश जताते हुए रेस्क्यू ऑपरेशन में ढिलाई का आरोप लगाया। इस दौरान सुरंग के बाहर मजदूरों की पुलिस से तीखी झड़प और धक्का मुक्की हो गई।

दिल्ली से एयर लिफ्ट की गई मशीन

दिल्ली से मशीनें की एयर लिफ्ट की गई, जो चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर उतारी गई। ग्रीन कॉरिडोर बनाकर साइट तक मशीनें पहुंचाई जाएंगी।

एक घंटे से मजदूरों को विरोध प्रदर्शन जारी

पिछले एक घंटे मजदूरों का विरोध प्रदर्शन जारी है। कंपनी से जुड़े कई अधिकारी मजदूरों को समझाने के लिए पहुंचे, लेकिन वार्ता विफल रही।

सुरंग के बाहर आक्रोशित मजदूरों का प्रदर्शन

बैकअप में दूसरी मशीन नहीं रखने और रेस्क्यू काम में ढिलाई बरतने का आरोप लगाते हुए सुरंग के बाहर आक्रोशित मजदूर प्रदर्शन कर रहे हैं। मजदूरों का कहना है कि बैकअप में दूसरी मशीन तैयार रखनी चाहिए थी।

केंद्रीय गृह मंत्रालय बराबर ले रहा अपडेट

सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. सिन्हा ने बताया, केंद्रीय गृह मंत्रालय भी लगातार संपर्क में है। जो भी प्रगति और कार्रवाई है, उससे केंद्र को भी अवगत कराया जा रहा है। गृह मंत्रालय के अधिकारी बराबर पूरे ऑपरेशन पर नजर बनाए हुए हैं।

जिसने जहां सुनी हादसे की खबर, तुरंत दौड़ पड़ा

सुरंग हादसे की खबर दीपावली की सुबह संचार माध्यमों से पता चलते ही यहां काम कर रहे लोगों के परिजन चिंतित हो उठे। तुरंत फोन लगाए गए, जब उनको पता चला कि उनके अपने सुरंग के अंदर फंसे हैं तो विचलित हो गए। किसी अनहोनी की आशंका में भगवान का सुमिरन करते हुए उत्तरकाशी की ओर चल दिए। वह चाहे हिमाचल के मंडी निवासी योगेश हो या मिर्जापुर के अखिलेश के परिजन सभी यहां पहुंचकर घटनास्थल पर दिन-रात डटे हुए हैं।

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