जूनियर अधिवक्ता जिनकी वकालत 5 साल से कम है, उन्हें स्टाइपेंड दिलाया जाए
हाईकोर्ट बार के पूर्व महासचिव अभिभाषक कमलेश तिवारी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि जूनियर अधिवक्ता जिनकी वकालत पांच साल से कम है, उन्हें स्टाइपेंड दिलाया जाए क्योंकि वकालत के शुरुआती दौर में जूनियर अधिवक्ताओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
हाईकोर्ट ने प्रदेश के जूनियर अभिभाषको को स्टाईपेंड दिलाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। इसके बाद राज्य सरकार से अपील की है कि वह जूनियर अधिवक्ताओं के लिए फंड जारी करने पर विचार करे और बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड को इस मद में एकमुश्त धनराशि देने के बारे में विचार करे।
मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। हाईकोर्ट बार के पूर्व महासचिव अभिभाषक कमलेश तिवारी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि जूनियर अधिवक्ता जिनकी वकालत पांच साल से कम है, उन्हें स्टाइपेंड दिलाया जाए क्योंकि वकालत के शुरुआती दौर में जूनियर अधिवक्ताओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
जनहित याचिका में कहा कि उत्तर प्रदेश अधिवक्ता वेलफेयर एक्ट में यह प्रावधान है कि जिन अधिवक्ताओ की वकालत पांच साल से कम है, उन्हें स्टाइपेंड देने का प्रावधान है। कई राज्यों ने अधिवक्ताओं के लिए वेलफेयर फंड की व्यवस्था की है जिनमें केरल और पुडुचेरी मुख्य हैं.|