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उत्तराखंड

Joshimath: दरारों से फिर उडी नींद...सुनील वार्ड में जमीन में होने लगे गड्ढे, आपदा प्रभावितों की बढ़ी चिंता

Trinath Mishra
3 July 2023 6:40 AM GMT
Joshimath: दरारों से फिर उडी नींद...सुनील वार्ड में जमीन में होने लगे गड्ढे, आपदा प्रभावितों की बढ़ी चिंता
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Joshimath: जोशीमठ। सुनील वार्ड में जनवरी में जिस जगह से भू-धंसाव शुरू हुआ था, अब वहां जमीन में बड़े-बड़े गड्ढे होने लगे हैं। इससे आपदा प्रभावितों की चिंता बढ़ गई है। लोगों को आशंका है कि बरसात में भवनों की दरारें और बढ़ सकती हैं। नगर क्षेत्र के भू-धंसाव क्षेत्र सुनील वार्ड में विनोद सकलानी के मकान के पास के खेत में अचानक गड्ढा हो गया है। ये काफी बड़ा है।

इससे पूर्व बाजार क्षेत्र में भी जमीन में अचानक गड्ढा हो गया था। इससे नगर वासियों की चिंता बढ़ गई है। यह वही क्षेत्र है जहां मकानों में सबसे पहले दरारें आई थी। फिर इसी क्षेत्र में गड्ढा बनने से आपदा प्रभावितों को आशंका है कि कहीं अब गड्ढे होने सिलसिला न शुरू हो जाए। हालांकि अन्य क्षेत्रों से अभी इस तरह की सूचना नहीं आई है।

जनवरी माह में भू धंसाव से नगर में 868 भवनों में दरार आई थी, जिसमें 181 भवनों को असुरक्षित घोषित किया था। अन्य में हल्की दरारें थी। आज भी करीब 60 परिवार शिविरों में रह रहे हैं। बरसात शुरू होते ही सुनील वार्ड में गड्ढा बनने की खबर से आपदा प्रभावित सहम गए हैं।

आपदा के छह माह बीतने के बाद भी वैज्ञानिकों की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं होने से भी आपदा प्रभावित आशंकित हैं कि आखिरकार सरकार रिपोर्ट को सार्वजनिक क्यों नहीं कर रही है।

रिपोर्ट में ऐसा क्या है जिसे छिपाने का प्रयास किया जा रहा है। जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के संरक्षक अतुल सती का कहना है कि हम पिछले चार माह से यही मांग करते आ रहे हैं कि वैज्ञानिक रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए, जिससे लोगों को पता चल सके कि वह जहां रह रहे हैं वह सुरक्षित है या नहीं। सरकार क्यों अब तक वैज्ञानिकों की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं कर रही है यह समझ से परे है।

उत्तराखंड क्रांति दल के नवनियुक्त जिलाध्यक्ष बच्चीराम उनियाल ने कहा कि जोशीमठ भू-धंसाव के लिए एनटीपीसी जिम्मेदार है। यह कंपनी क्षेत्र में जल विद्युत परियोजना का निर्माण कर रही है। परियोजना के टनल निर्माण से जोशीमठ में भू-धंसाव शुरू हुआ।

गोपेश्वर में पत्रकारों से वार्ता में उक्रांद जिलाध्यक्ष ने कहा कि आपदा के दौरान जनवरी में भारत की आठ एजेंसियों ने सुनील से लेकर मारवाड़ी और रविग्राम से लेकर सिंहधार तक भू सर्वेक्षण किया था। आज तक वैज्ञानिकों की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है। इससे साफ होता है कि भू-धंसाव के लिए एनटीपीसी जिम्मेदार है और सरकार कंपनी को बचाना चाहती है। उन्होंने कहा कि शीघ्र जोशीमठ में वृहद कार्ययोजना तैयार कर ट्रीटमेंट शुरू किया जाए।

Trinath Mishra

Trinath Mishra

Trinath Mishra is a senior journalist from Meerut and he has more than 11 years of Print and Digital Media Experience.

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