भीड़ को देखते हुए चार-धाम यात्रा के पहले 15 दिन वीआईपी दर्शन पर लगाई रोक
देहरादून। प्रदेश सरकार चारधाम यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए तैयारियों में जुटी है, लेकिन यात्रा की रास्तों में उच्च हिमालयी क्षेत्रों में मौसम, पर्यावरण संरक्षण और भूस्खलन, सुरक्षित यातायात जैसी कई चुनौतियां भी हैं। इन चुनौतियों पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पूरी नजर है।
चारधाम यात्रा राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। यात्रा पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर से लाखों परिवारों की आजीविका टिकी है। 10 मई को केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खुलते ही चारधाम यात्रा शुरू हो जाएगी, जबकि 12 मई को बदरीनाथ धाम खुलेंगे।
श्रद्धालुओं की संख्या पिछले कुछ सालों से चारधाम यात्रा में नया रिकॉर्ड बना रही है। वर्ष 2022 में 46 लाख से अधिक श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर पहुंचे, जबकि बीते वर्ष 2023 में यह आंकड़ा 56 लाख से अधिक पहुंच गया। घोड़ा-खच्चर, डंडी कंडी, महिला सहायता समूहों, हेली सेवाओं, होटल रेस्टोरेंट, स्थानीय कारोबारियों को यात्रा से अच्छी आय हुई। सबसे महत्वपूर्ण बात यात्रा के शुरुआत में धामों में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए यात्रा के पहले 15 दिन वीआईपी दर्शन पर रोक लगाई गई है। सरकार ने सभी राज्यों से अनुरोध किया कि यात्रा के शुरुआती 15 दिनों में चारधाम यात्रा खासकर केदारनाथ में वीवीआईपी दर्शनों को टाला जाए।