Begin typing your search above and press return to search.
उत्तराखंड

दिवाली नहीं होती तो सुरंग में फंसते 400 लोग, 60 वर्षीय प्रेम लाल ने बताई पूरी कहानी

SaumyaV
17 Nov 2023 5:58 AM GMT
दिवाली नहीं होती तो सुरंग में फंसते 400 लोग, 60 वर्षीय प्रेम लाल ने बताई पूरी कहानी
x

श्रमिक के रूप में टनल निर्माण कार्य से जुड़े 60 वर्षीय प्रेम लाल ने बताया कि यहां 400 से ज्यादा मजदूर कार्यरत थे। इनमें ज्यादातर स्थानीय लोग थे, लेकिन दीपावली के चलते वह त्योहार मनाने अपने परिवार के पास गांव निकल गए थे।

दिवाली का त्योहार नहीं होता तो सिलक्यारा हादसे में ज्यादा लोग सुरंग के अंदर फंसते। यह कहना है कि सुरंग में काम करने वाले 60 वर्षीय प्रेम लाल का। प्रेम लाल ने बताया कि सुरंग निर्माण कार्य में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग कार्यरत हैं, जो दिवाली मनाने घर चले गए थे। सिर्फ बाहरी मजदूर ही यहां बचे थे, जो भूस्खलन के चलते सुरंग के अंदर फंस गए।

स्थानीय निवासी प्रेमलाल ने बताया कि वह भी श्रमिक के रूप में टनल निर्माण कार्य से जुड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि यहां 400 से ज्यादा मजदूर कार्यरत थे। इनमें ज्यादातर स्थानीय लोग थे, लेकिन दीपावली के चलते वह त्योहार मनाने अपने परिवार के पास गांव निकल गए थे।

जिसके बाद यहां कुछ स्थानीय और बाकी बाहरी राज्यों के मजदूर ही बचे थे। इन मजदूरों को ही रात्रि की ड्यूटी पर भेजा गया था और दिवाली के दिन बड़ा हादसा हो गया। अगर त्योहार नहीं होता तो सुरंग में कम से कम 400 लोग फंसते।


सुरंग में नहीं गर्म कपड़ों की जरूरत

श्रमिक कुंवर बहादुर ने बताया कि सुरंग के अंदर फंसे 40 मजदूरों को ठंड से बचाव के लिए बिस्तर या कंबल की जरूरत नहीं है। सुरंग में काफी गर्मी लगती है। रात्रि शिफ्ट में काम कर चुके प्रेमलाल ने बताया कि सुरंग में इतनी गर्मी होती है कि पसीना-पसीना हो जाता है। वर्तमान में सर्दियां होने के बावजूद वहां गर्म स्वेटर व कंबल आदि की जरूरत नहीं है।

Next Story