भावुक हुआ सदन: उत्तराखंड विधानसभा सत्र का पहला दिन, .सीएम ने एक-एक की बताई खासियत
उत्तराखंड विधानसभा सत्र के पहले दिन पूरा सदन भावुक हो गया। पक्ष-विपक्ष के नेताओं में अपनों को खोने का गम दिखाई दिया। सदन में उनकी कमी खली तो उनके साथ बिताए समय को सभी ने साझा किया। सीएम धामी खासतौर पर इस दौरान भावुक नजर आए। उन्होंने पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि अर्पित की। और एक-एक की खासियत बताई।
उत्तराखंड विधानसभा सत्र आज सोमवार से शुरू हो गया है। इस दौरान सीएम धामी ने कहा कि आज पूरा सदन दुखी है। कई साथियों को हमने खोया है। पूर्व सदस्यों सरवत करीम, मोहन सिंह रावत, पूरण सिंह, कृष्ण सिंह, नरेंद्र सिंह और धनी राम को श्रद्धांजलि दी गई।
सीएम धामी ने कहा कि सरवत करीम जी का असमय चले जाना हमारे लिए बड़ी क्षति है। वह एक भाई की तरह व्यवहार करते थे। जब मैं विधानसभा सदस्य नहीं था, तब वो रात को मिलते थे। हम साथ में टहलते थे। उनकी शेरो शायरी सुनते थे। एक सूरज था तारों के घराने से उठा, आंख हैरान है क्या शख्स जमाने से उठा। आज वो भले हमारे बीच में नहीं हैं लेकिन उन्होंने अपने क्षेत्र में जो काम किये हैं, हम सब उनको आगे बढ़ाएंगे।
सीएम ने स्व. मोहन सिंह रावत गांववासी को भी श्रद्धांजलि दी। कहा कि उनका जीवन बहुत सादगीपूर्ण रहा। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को मजबूत करने के लिए जो काम किया वो हमारे स्मरण में रहेगा। वह पार्टी के स्तंभ थे। वो फाउंडर मेंबर थे। उनका अतुलनीय योगदान था। उत्तराखंड की पहली सरकार में उन्होंने मंत्री के रूप में काम किया था।
मैं बहुत भावुक: सीएम
मैं बहुत भावुक होता हूं जब स्व. मोहन सिंह रावत के बारे में सोचता हूं। इतने बड़े नेता लेकिन कभी ऐसा नहीं लगा। सामान्य और सहज व्यक्तित्व के धनी थे। उन जैसे नेताओं के लिए राजनीति जनता की सेवा करने का माध्यम था। वो हमेशा हमारे स्मरण में रहेंगे। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे। स्व. पूरण चंद्र शर्मा को लेकर उन्होंने कहा कि राज्य स्थापना के बाद पार्टी के वह पहले अध्यक्ष थे।
सीएम धामी ने कहा कि मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उनका ज्ञान हमेशा हमें प्रेरित करता रहेगा। लक्सर विधानसभा से विधायक रहे स्व. नरेंद्र सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए सीएम ने कहा कि उनकी समाजसेवा हमेशा हमे याद रहेगी।
नैनीताल विधायक स्व. किशन सिंह तड़ागी, स्व. धनीराम सिंह नेगी को भी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कहा कि धनीरात नेगी का माध्यमिक शिक्षा के क्षेत्र में योगदान दिया।
1985 में इंटरमीडिएट एक्ट में उन्होंने ही बदलाव करवाया। उन्होंने विभिन्न पदों पर महत्वपूर्ण योगदान दिया।
सीएम के श्रद्धांजलि देने के बाद नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने श्रद्धांजलि दी।