सोमवार को कार्यक्रम संपन्न होने पर जैसे ही सीएम पुष्कर सिंह धामी और विभागीय मंत्री रेखा आर्य लौटने लगे, कुछ पीआरडी जवान लंबित मांगों को लेकर नारेबाजी करने लगे।
प्रांतीय रक्षक दल के स्थापना दिवस कार्यक्रम में सीएम धामी के सामने पीआरडी जवानों ने लंबित मांगों को लेकर नारेबाजी की। जिसके बाद अब शासन इस पर गंभीर है। मामले में विशेष सचिव खेल एवं युवा कल्याण अमित सिन्हा ने जांच बैठा दी है। साथ ही सात दिन में रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा कि जांच में अनुशासनहीनता पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जवानों ने लगाए थे ये आरोप
प्रांतीय रक्षक दल संगठन के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वीर सिंह रावत ने कहा, प्रदेश सरकार की ओर से तीन सौ दिन रोजगार देने की घोषणा को दो साल हो चुके हैं, लेकिन आधे जवान घर बैठे हैं। सार्वजनिक अवकाश के दिन डयूटी के बावजूद जवानों को अनुपस्थित दिखाकर वेतन काटा जा रहा। कहा, कल्याण कोष के नाम पर विभाग पहले 10 रुपये के अंशदान की कटौती करता था।
अब हर महीने 570 रुपये कांटे जा रहे हैं। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश प्रसाद व महासचिव अशोक शाह ने कहा, जवानों के साथ अन्याय को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभी जवानों को डयूटी मिलनी चाहिए। आरोप लगाया, कोविड के दौरान डयूटी करने वाले कई जवानों की विभाग ने सेवाएं समाप्त कर दी। कहा, मांगों पर जल्द अमल न हुआ तो जवान निदेशालय में धरना देंगे।