ट्रेन की टक्कर से हाथी की मौत, सूचना मिलते ही वन कर्मियों में मचा हड़कंप
उत्तराखंड में ट्रेन से कटकर हाथियों की मौत की संख्या लगातार बढ़ती जा रहा है। सोमवार को रात्रि के दरम्यान में हरिद्वार-लक्सर रेलवे ट्रैक पर सीतापुर फाटक से पास एक नर हाथी की उपासना एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आकर मौत हो गई। बीते 22 सालों में प्रदेश में 508 हाथियों की मौत कई कारणों से हुई है, इनमें से 23 हाथी ट्रेन से कटकर मरे हैं।
आपसी संघर्ष में 96 हाथी मारे गए, जबकि कई दुर्घटनाओं में 78 हाथी मारे गए। इसके अलावा करंट लगने से 43, जहर खाने से एक हाथी की मौत हुई। 9 हाथी पोचिंग में मारे गए तो 23 हाथियों की मौत ट्रेन से कटकर हुई है।
अकेले 16 हाथी देहरादून-हरिद्वार-देहरादून रेलवे ट्रैक पर ट्रेन की चपेट में आए हैं। प्रदेश में बीते 12 सालों में हाथियों का घराना बढ़ा है, लेकिन इनकी मृत्यु दर में कोई कमी नहीं आई है। वर्ष 2001 से अब तक 508 हाथियों की मौत एक बड़ा आंकड़ा है। हालांकि, हाथियों की सबसे अधिक मौत कुदरती कारणों से हुई है।
तराई पश्चिमी वन विभाग के आमपोखरा रेंज में रेल से टकराकर एक हाथी की मौत हो गई। वन कर्मियों के अनुसार हाथी रात के समय ट्रेन से
आमपोखरा रेंज के 64 नंबर गेट के पास रेलवे लाइन के समीप एक हाथी का बृहस्पतिवार सुबह शव मिला। हाथी का शव मिलने के बाद वन कर्मियों में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में वन अधिकारी मौके पर पहुंचे और मामले की जांच पड़ताल की। मृत नर हाथी की उम्र 25 वर्ष के आसपास बताई जा रही है। हाथी के शव पर रेल से टकराने की निशान मिले हैं।
तराई पश्चिमी वन विभाग के एसडीओ प्रदीप धोलाखंडी ने बताया कि बुधवार रात के समय किसी रेल से हाथी टक्करा गया। हाथी पटरी से 50 मीटर की दूरी पर गिरा पड़ा मिला। इस संबंध में रेलवे विभाग से संपर्क किया गया है।